झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने गणतंत्र दिवस से पूर्व दुमका वासियों को कन्वेंशन सेंटर की सौगात दी है. साथ ही 10 अरब 95 करोड़ 60 लाख 57 हजार 890 रुपये की लागत से 110 योजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया. इस मौके पर सीएम ने कहा कि सरकार की योजनाएं धरातल पर उतरे. योजनाओं का क्रियान्वयन तीव्र गति हो. योजनाएं ससमय पूरी हो. इसके लिए योजनाओं की लगातार निगरानी जरूरी है. इसी कड़ी में खुद जिलों में जाकर मुख्यालय और जिले के अधिकारियों के साथ बैठक कर योजनाओं की जमीनी हकीकत की जानकारी ली जा रही है. इस मौके पर सीएम ने लाभुकों के बीच परिसंपत्तियों का वितरण और 103 अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र प्रदान किया.
बुधवार को दुमका पहुंचे मुख्यमंत्री श्री सोरेन ने कहा कि दुमका संताल परगना प्रमंडल का केंद्र बिंदु होने के साथ झारखंड की उप राजधानी है. यह जिला कई क्षेत्रों में अपनी अलग पहचान बना कर आगे बढ़ रहा है. इस कड़ी में कन्वेंशन सेंटर यहां के लिए एक और बड़ी सौगात है. यह सेंटर एक मायने में पूर्ण पैकेज की तरह है, जहां सांस्कृतिक, सेमिनार, सम्मेलन समेत कई कार्यक्रम आयोजित किए जा सकते हैं. यह आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित और बहु उपयोगी सेंटर है, जहां एक छत के नीचे कई सुविधाएं उपलब्ध है. इस सेंटर की व्यवस्था मेंटेन रहे, इस पर विशेष ध्यान देने की जरूरत होगी.
मुख्यमंत्री ने कहा कि कई बार देखा गया है कि छोटे शहरों और ग्रामीण इलाकों के कार्यक्रमों के लिए भी बड़े होटलों या बड़े शहरों का रुख करना होता है. लेकिन, कन्वेंशन सेंटर के होने से अब यहां के कार्यक्रम इसी शहर और जिले में आयोजित होंगे, जिसमें वास्तविक रूप से कार्यक्रम से जुड़े ज्यादा से ज्यादा लोगों को भी शामिल होने का मौका मिलेगा.
उन्होंने कहा कि जिला स्तरीय योजनाओं की समीक्षा जिलों में होनी चाहिए. इससे निश्चित तौर पर बेहतर नतीजे आएंगे. मुख्यालय में बैठे वरीय अधिकारी की जिम्मेदारी है कि वे जिला स्तरीय योजनाओं की मॉनिटरिंग नियमित रूप से करें. अगर सभी अधिकारी अपनी जिम्मेदारियों को ईमानदारी से निभाएंगे, तो हम एक बेहतर और व्यवस्थित व्यवस्था दे सकेंगे. इसका फायदा इस राज्य और यहां रहने वाले लोगों को होगा.
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने इस राज्य में पंचायत स्तर पर शिविर लगाकर लोगों की समस्याओं को दूर करने की एक नई परिपाटी शुरू की. योजना की सफलता का आकलन इसी बात से किया जा सकता है कि लाखों लोगों को उनके दरवाजे पर जाकर सरकार की योजनाओं का लाभ दिया गया.
– मुख्यमंत्री ने 10 अरब 95 करोड़ 60 लाख 57 हजार 890 रुपये की लागत से 110 योजनाओं का उद्घाटन एवं शिलान्यास किया. इसमें 2 अरब 38 करोड़ 61 लाख 11 हजार 500 रुपये की 24 योजनाओं का लोकार्पण और 8 अरब 56 करोड़ 99 लाख 46 हजार 390 रुपये की 86 योजनाओं की नींव रखी गई
– इस मौके पर मुख्यमंत्री ने लगभग 32 करोड रुपये की लागत से निर्मित अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित कन्वेंशन सेंटर और शिकारीपाड़ा में आईटीआई भवन का उद्घाटन किया
– जिन महत्वपूर्ण योजनाओं का शिलान्यास हुआ उसमें नौ उच्च स्तरीय पुल, 45 स्वास्थ्य उप केंद्रों का भवन निर्माण, 12 सड़कें, 10 सड़कों का मजबूतीकरण और चौड़ीकरण, चार चेकडैम, जामा -जरमुंडी जलापूर्ति योजना, काठीकुंड- शिकारीपाड़ा जलापूर्ति योजना तथा दुमका हवाई अड्डा के लिए अधिग्रहित अतिरिक्त भूमि का चहारदीवारी निर्माण शामिल है
– सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के 88777 लाभुकों के बीच 1 अरब 59 करोड़ 37 लाख 77 हजार 231 रुपये की परिसंपत्ति, ऋण और अनुदान राशि का वितरण मुख्यमंत्री ने किया
– इस वर्ष दुमका जिले को कालाजार मुक्त जिला घोषित कर दिया गया है. ऐसे में कालाजार के खिलाफ जंग करने वाले फ्रंटलाइन वर्कर्स के बीच पोषण किट का वितरण किया गया.
इस अवसर पर सांसद विजय हांसदा, विधायक नलिन सोरेन और बसंत सोरेन, जिला परिषद अध्यक्षा, पुलिस उपमहानिरीक्षक सुदर्शन प्रसाद मंडल, उपायुक्त रविशंकर शुक्ला और पुलिस अधीक्षक अंबर लकड़ा समेत जिले के कई पदाधिकारी मौजूद रहे.