दिल्ली के कर्तव्य पथ की तरह ही रांची के मोरहाबादी मैदान में विभिन्न विभागों द्वारा निकाली गयी झांकी भी बेहद खूबसूरत थी. इसमें सूचना एवं जनसंपर्क विभाग को उनकी शानदार थीम के लिए प्रथम पुरस्कार मिला तो ग्रामीण विकास विभाग ने दूसरे स्थान पर कब्जा जमाया. आपको बता दें कि इस वर्ष झांकी में बदलते राज्य की तस्वीर दिखी. अंतरराष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष पर राज्य में पाये जाने मोटे अनाज के उत्पादन को लेकर हो रही तैयारी से संबंधित झांकी भी पेश की गयी.
इसके अलावा इको टूरिज्म, राज्य की ऐतिहासिक धरोहर, बदलता आयुष व स्वस्थ झारखंड के थीम पर विभिन्न झांकियां निकाली गयी. वन विभाग की झांकी इको टूरिज्म की थीम पर आधारित थी. इसमें लोध फॉल के मॉडल, बेतला नेशनल पार्क का मुख्य द्वार और दलमा में तैयार किये गये नये कॉटेज के बारे में बताया गया था.
ताकि, राज्य के पर्यटन को बढ़ावा मिल सके. तो वहीं सूचना एवं जनसंपर्क विभाग की ओर से निकाली गयी झांकी में ऐतिहासिक धरोहर को दर्शाया गया. इसमें मुख्य रूप से पलामू किले की झलक दिखायी गयी. साथ ही आम लोग कैसे इस ऐतिहासिक धरोहर से जुड़ कर राज्य के ऐतिहासिक गौरव के साक्षी बन सकते हैं, इसकी प्रेरणा दी गयी.
गणतंत्र दिवस परेड में पहली बार आयुष विभाग की झांकी दिखी. झांकी में (रस्सी पर योग) के साथ-साथ सूर्य नमस्कार और अन्य योग क्रियाएं देखने को मिली. आपको बता दें कि बिहार से अलग होकर झारखंड के अस्तित्व में आने के 22 साल बाद यह पहला मौका है, जब आयुष की झांकी को गणतंत्र दिवस परेड में शामिल किया गया. इससे विभाग के अधिकारी बेहद खुश और उत्साहित थे.
आयुष विभाग की झांकी में एक ही ट्रक पर आयुर्वेद, योग, यूनानी, सिद्धा और होमियोपैथी का प्रदर्शन किया गया. इस वाहन पर ऋषि-मुनि दवा बनाते नजर आये. पहियों पर चलते हुए टेलर पर लोग दवा की प्रयोगशाला भी देखने को मिला.