Republic Day 2023: गणतंत्र दिवस परेड के दौरान गुरुवार को जनजातीय मामलों के मंत्रालय की झांकी में एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालयों के माध्यम से दूरदराज के जनजातीय क्षेत्रों में अनुसूचित जनजाति (एसटी) के छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए किए जा रहे सरकार के प्रयासों को दर्शाया गया. झांकी के अग्रिम हिस्से पर एक लड़की आवासीय विद्यालयों में प्रदान किए गए शैक्षिक अवसरों में समानता का संकेत देती है वहीं उसके हाथ में मौजूद एक ग्लोब, ज्ञान की शक्ति के साथ दुनिया को जीतने की उसकी इच्छा को जाहिर करता है.
In line with the vision of celebrating our glorious tribal heritage, a tableau by the @TribalAffairsIn showcasing tribal welfare through quality education in Eklavya Model Residential Schools established for ST children across the country was featured at the 74th #RepublicDay. pic.twitter.com/1Hi71aTozR
— Ministry of Tribal Affairs, Govt. of India (@TribalAffairsIn) January 26, 2023
एकलव्य के धनुष और तीर के आकार में एक कलम के साथ एक खुली किताब एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों (ईएमआरएस) के छात्रों के अध्ययन पर अटूट ध्यान को दर्शाती है. इसमें दिखाया गया कि धनुष और तीर ने अतीत में जनजातीय लोगों की रक्षा की और उनका सशक्तीकरण किया तथा अब शिक्षा उन्हें सशक्त बनाने का उपकरण है. झांकी के पिछले हिस्से में दूरदराज के इलाकों से एकलव्य विद्यालय आने वाले छात्रों में शिक्षकों द्वारा दिए जाने वाले ज्ञान के प्रतिरूप को दर्शाया गया था.
झांकी में मौजूद पेड़ों में आदिवासी संस्कृति और विरासत के संरक्षण की भावना को भी प्रतिबिंबित किया गया. एकलव्य विद्यालय आवासीय सह-शिक्षा स्कूल हैं जो जनजातीय छात्रों को सामान्य आबादी के बराबर लाने के लिए गुणवत्तापूर्ण उच्च प्राथमिक, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्तर की शिक्षा प्रदान करते हैं.
Also Read: Republic Day 2023: गणतंत्र दिवस परेड में पहली बार शामिल हुए अग्निवीर, देखें तस्वीरेंसरकार ने 50 प्रतिशत से अधिक जनजातीय आबादी और कम से कम 20,000 जनजातीय लोगों (2011 की जनगणना के अनुसार) वाले प्रत्येक ब्लॉक में एक एकलव्य विद्यालय स्थापित करने का फैसला किया है. इसके अनुसार मंत्रालय ने देश भर में 740 एकलव्य स्कूल स्थापित करने का लक्ष्य निर्धारित किया है. अब तक देश भर में कुल 689 ऐसे स्कूल स्वीकृत किए गए हैं और इनमें से 394 कार्य कर रहे हैं.