दानापुर मंडल में चीफ टिकट इंस्पेक्टर के पद पर कार्यरत शैलेश कुमार उपाध्याय ने इस्तीफा दे दिया है. त्यागपत्र से पहले उन्हें स्क्वाड 2 में ड्यूटी पर तैनात किया गया था. उन्होंने मंडल के वरीय वाणिज्य प्रबंधक को भेजे अपने त्यागपत्र में उन्हें जानबूझ कर टारगेट करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा है कि वर्तमान में नयी व्यवस्था के तहत एक टीटीइ को रोजाना 10 यात्रियों को बिना टिकट पकड़ना है. अगर टारगेट से एक या दो से भी कम हो जाये, तो तुरंत टीटीइ को टारगेट कर दिया जाता है.
शैलेश ने पत्र के में आरोप लगाया है कि 24 जनवरी को उन्होंने टारगेट से कम चार या पांच यात्रियों को बिना टिकट पकड़ा था, जबकि उसके अगले दिन ही स्लीपर के अलावा एसी कोच में जाकर टारगेट से अधिक 11 से 12 के बीच यात्रियों को पकड़ा था. फिर भी उनको स्क्वाड 2 से हटाकर स्टेशन पर ड्यूटी लगा दी गयी. जिससे परेशान होकर उन्होंने नौकरी से त्यागपत्र दे दिया है. उन्होंने कहा है कि एक दिन की उपलब्धि को मूल्यांकन का आधार बनाकर सेवा काल में मेरे द्वारा अर्जित अन्य उपलब्धियों को नजरअंदाज करने से मेरे आत्मसम्मान को धक्का लगा है, इसलिए मैंने नौकरी से इस्तीफा देने का निर्णय लिया है.
जांच करें सीनियर डीसीएम: यूनियन
इस्ट सेंट्रल रेलवे मेंस कांग्रेस के शाखा सचिव सुनील कुमार सिंह ने बताया कि चेकिंग स्टॉप की मुस्तैद ड्यूटी के कारण बिना टिकट यात्रियों की संख्या में गिरावट दर्ज की गयी है. और बुकिंग काउंटर व आरक्षण काउंटर के रेवेन्यू में इजाफा हुआ है. ऐसी परिस्थिति में रेल प्रशासन को चेकिंग स्टॉप को पुरस्कृत करने की जगह अगर दंडित किया जाता है, तो यह रेल कर्मचारियों के लिए न्यायसंगत नहीं है. इस मामले सही तरीके से जांच कर सीनियर डीसीएम को निर्णय लेना चाहिए.
क्या कहते हैं रेलवे के अधिकारी
अगर जानबूझ कर इनको टॉरगेट किया जा रहा है, तो यह गलत है. हालांकि इस मामले की जानकारी मुझे नहीं है. आपने बताया, तो मामले की जांच करायी जायेगी. जांच के बाद आगे रेलवे के नियमानुसार कार्रवाई की जायेगी.
वीरेंद्र कुमार, मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पूमरे.