बिहार में फसल उगाने की कला और विज्ञान अब एक कदम और आगे बढ़ गयी है. अब अरहर, मक्का – बांकला का कब कितना कद बढ़ा, पत्ती कितनी फैली, अब पादप के हर बदलाव की सटीक तरीके से माप होगी. वैज्ञानिकों द्वारा फसलों को विकसित करने के दौरान पादप में वृद्धि और विकास की दर का आकलन करने के लिए कृषि अनुसंधान परिषद पटना में सस्य विज्ञान प्रयोगशाला (एग्रोनोमी लैब) की स्थापना हो गयी है.
फसलों के शोध में प्रयोगशाला की भूमिका होगी महत्वपूर्ण
फसलों के शोध के दौरान आंकड़ों के अंकेक्षण एवं पर्यवेक्षण में इस नई एग्रोनोमी लैब की महत्वपूर्ण भूमिका होगी. इस प्रयोगशाला में जीवमितीय (बायोमीटरिक) एवं कटाई उपरांत (पोस्ट हार्वेस्ट) आंकड़ों का बेहतर तरीके से अंकेक्षण किया जायेगा.
शोध आधारित आंकड़ों का अंकेक्षण सुचारू रूप से किया : उपाध्याय
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद में पूर्वी अनुसंधान परिसर पटना में निदेशक डाॅ आशुतोष उपाध्याय ने एग्रोनोमी लैब का उद्घाटन किया. वैज्ञानिकों को संबोधित करते हुए उपाध्याय ने कहा कि यह लैब फसलों के परीक्षण एवं शोध के दौरान विकास एवं वृद्धि की क्रांतिक अवस्थाओं को मापने में काफी मददगार साबित होगी. यहां फसलों से संबंधित शोध आधारित आंकड़ों का अंकेक्षण सुचारू रूप से किया जा सकेगा. इससे राज्य में कृषि को बढ़ावा मिलने के साथ ही बेहतर फसल में भी मदद मिलेगी