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SHUATS: लाल बंधुओं की मिली लोकेशन, लंबा है आपराधिक इतिहास, हर बार कानून को दिया चकमा, अब कसेगा शिकंजा…

SHUATS: कुलपति आर बी लाल व उनके भाई विनोद बी लाल समेत अन्य के मोबाइ लंब समय से स्विच ऑफ हैं. अग्रिम जमानत रद्द होने के बाद इनकी गिरफ्तारी के लिए एसआईटी और स्वाट की टीमें लगी हुई हैं. लेकिन, लोकेशन नहीं मिलने के कारण टीमों को कामयाबी नहीं मिल सकी है.

Prayagraj: प्रयागराज स्थित सैम हिग्गिन बाटम कृषि, प्रौद्योगिकी और विज्ञान विश्वविद्यालय (शुआट्स) के निदेशक विनोद बी लाल, उनके भाई कुलपति आरबी लाल और अन्य पर कानूनी शिकंजा कसने की तैयारी शुरू हो गई है. सामूहिक धर्मांतरण में इनकी भूमिका सामने आने के बाद एसटीएफ और पुलिस इन लोगों का सुराग तलाशने के लिए जुटी हुई है.

लंबे समय बाद मिली लोकेशन

कुलपति आर बी लाल व उनके भाई विनोद बी लाल समेत अन्य के मोबाइ लंब समय से स्विच ऑफ हैं. अग्रिम जमानत रद्द होने के बाद इनकी गिरफ्तारी के लिए एसआईटी और स्वाट की टीमें लगी हुई हैं. लेकिन, लोकेशन नहीं मिलने के कारण टीमों को कामयाबी नहीं मिल सकी है. वहीं अब दिल्ली, उत्तराखंड में इनका सुराग मिलने के बाद टीमें रवाना हो चुकी हैं.

सही पाए गए संदिग्ध गतिविधियों के आरोप

शासन के निर्देश पर इन आरोपियों के खिलाफ कई बिंदुओं पर गोपनीय जांच पूरी कर एसटीएफ ने प्रयागराज पुलिस से एफआईआर दर्ज करने को कहा है. विवादों से घिरे रहने वाले आरबी लाल और उनके करीबियों पर कई गंभीर आरोप हैं. एसटीएफ की जांच में आरबी लाल पर वित्तीय अनियमितता, विवि कैंपस में यीशु दरबार, धर्मांतरण समेत अन्य संदिग्ध गतिविधियों के आरोप सही पाए गए हैं.

ईडी भी कर रहा जांच

इसके साथ ही शुआट्स में हुई तमाम गड़बड़ियों की जांच सीबीआई के अलावा प्रवर्तन निदेशालय भी कर रहा है. बीते मई में ईडी ने वीसी, उनकी पत्नी, भाई और कुछ करीबियों से पूछताछ भी की थी.

तीनों भाइयों का अपराध से रहा है पुराना नाता

दरअसल शुआट्स के निदेशक विनोद बी लाल और कुलपति आरबी लाल सहित तीनों भाइयों का अपराध से पुराना नाता रहा है. इन लोगों पर कई मामले दर्ज हैं. इसके बावजूद शुआट्स में इनका दबदबा कायम है. ये लोग लंबे समय से कानून को खुला मजाक उड़ाते आए हैं. इन पर एक के बाद एक मुकदमे तो दर्ज होते गए. लेकिन, ये लोग अपनी आदतों से बाज नहीं आए.

पीआईएल पर अदालत ने गठित की थी समिति

फर्जी याचिकाएं दाखिल होने को लेकर हुई एक पीआईएल पर अदालत ने पांच सदस्यीय समिति गठित कर आरबी लाल के खिलाफ जांच कराई तो आरोप सही पाए गए. इसके बाद प्रयागराज के कैंट थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया. हालांकि, कानूनी दांवपेंच का सहारा लेकर इन लोगों ने मामले को 12 जनवरी, 2021 को सीबीआई को ट्रांसफर करा दिया. इसके बाद यह मामला ठंडे बस्ते में चला गया.

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आरबी लाल पर 1998 में पहला मुकदमा हुआ था दर्ज

कुलपति आरबी लाल की बात करें तो इन पर हत्या सहित अन्य आरोपों में 18 एफआईआर दर्ज हैं. पहला मुकदमा गाली 1998 में नैनी थाने में लिखा गया. इसके बाद 2011 में नैनी थाने में ही हत्या और आपराधिक साजिश का दूसरी एफआईआर दर्ज हुई. फिर प्रतापगढ़ में धोखाधड़ी और जालसाजी की एफआईआर हुई. इसे अलावा प्रयागराज के कैंट, सिविल लाइंस, जार्जटाउन, करछना थानों में भी मामले में आरबी लाल अभियुक्त है. वहीं 2021 में सीबीआई ने धोखाधड़ी तथा हेराफेरी के मामले में आरबी लाल के खिलाफ केस दर्ज कराया. इसके अलावा 2022 में फतेहपुर में भी दो मामले दर्ज हो चुके हैं.

विनोद बी लाल 33 मामले में आरोपी

इसी तरह विनोद बी लाल 33 मामले में आरोपी है. ये मामले धोखाधड़ी और हेराफेरी से संबंधित हैं. विनोद बी लाल पर भी 1998 में पहली एफआईआर दर्ज हुई थी. इसके बाद से ये सिलसिला लगातार जारी है. 2018 में नैनी पुलिस ने विनोद बी लाल पर गैंगस्टर एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज की थी. जबकि तीसरे भाई शुआट्स के प्रो. वाइस चांसलर एसबी लाल भी कई मामलों में आरोपी है. इनके खिलाफ विभिन्न थानों में 9 मामले दर्ज हैं.

प्रवक्ता ने दी सफाई

वहीं शुआट्स के प्रवक्ता एवं मीडिया प्रभारी डॉ. रमाकांत के मुताबिक ये छवि धूमिल करने के लिए लगाए गए आरोप हैं. शुआट्स की छवि को खराब करने के लिए एक ईसाई व्यक्ति का मतांतरण एवं अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क से तार जोड़ने का आरोप पूर्व छात्र ​दिनेश शुक्ला ने लगाए हैं. इन आरोपों का हकीकत से कोई वास्ता नहीं है.

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