झारखंड में जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम के तहत गर्भवती महिलाओं और एक वर्ष तक के बीमार शिशुओं को अस्पताल पहुंचाने व घर लाने के लिए संचालित ममता वाहनों पर राज्य सरकार अब अधिक राशि खर्च करेगी. ममता वाहन के सुचारू रूप से संचालन के लिए सभी व्यवस्थाएं ऑनलाइन की जायेगी. इन वाहनों में जीपीएस सिस्टम लगाये जायेंगे और इसका संचालन एकीकृत काॅल सेंटर से होगा.
राज्य सरकार ने ममता वाहन पर प्रति मरीज खर्च होनेवाली अधिकतम राशि 800 रुपये से बढ़ा कर 1,250 रुपये कर दी है. इसके साथ ही ममता वाहनों पर खर्च की नयी दर के साथ-साथ पिछले साल राज्य में शुरू हुई बाइक एंबुलेंस सेवा के लिए भी दर तय कर दी है. ममता वाहन लाभुकों को नि:शुल्क उपलब्ध कराये जाते हैं.
घर से अस्पताल पहुंचाने के लिए प्रथम छह किमी के लिए एकमुश्त 500 रुपये तथा इसके बाद प्रति किमी 13 रुपये की दर से भुगतान होगा. अस्पताल से घर वापस पहुंचाने के लिए प्रति किमी 13 रुपये की दर से ममता वाहन को भुगतान किया जायेगा. वहीं बाइक एंबुलेंस के लिए घर से अस्पताल पहुंचाने के लिए प्रथम छह किमी के लिए एकमुश्त 150 रुपये और इसके बाद प्रति किमी पांच रुपये की दर से भुगतान किया जायेगा. अस्पताल से घर वापस पहुंचाने के लिए प्रति किमी पांच रुपये की दर से भुगतान किया जायेगा.
पिछले दिनों राज्य सरकार ने समीक्षा में पाया था कि ममता वाहन के लिए जो राशि दी जा रही थी, वह राशि दूरी के अनुसार काफी कम है. इस कारण राज्य सरकार को अपेक्षित संख्या में ममता वाहन नहीं मिल पा रहे हैं. इसलिए राज्य सरकार ने अधिकतम राशि प्रति मरीज 800 रुपये से बढ़ा कर 1,250 रुपये करने का निर्णय लिया है. इसमें केंद्र सरकार ने जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम के तहत दी जानेवाली राशि 500 रुपये से बढ़ा कर 750 रुपये कर दी है. वर्तमान में राज्य में मात्र 1,627 ममता वाहन संचालित हैं.