Mobile Phone Production in India: देश में पिछले सात वर्षों में मोबाइल फोन का उत्पादन पांच गुना हो गया है. इलेक्ट्रॉनिक्स सामान का निर्यात सालाना आधार पर 55.1 प्रतिशत की दर से बढ़ा है और यह शीर्ष पांच जिंस समूहों में आ गया है. संसद में पेश आर्थिक समीक्षा में यह जानकारी दी गई. समीक्षा के अनुसार, उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजनाओं से घरेलू कंपनियां विनिर्माण सुविधाओं के मामले में व्यापक स्तर पर कार्य से ‘बचत’ हासिल कर सकती हैं.
आर्थिक समीक्षा में कहा गया है, पिछले पांच वर्षों में विनिर्माण और निर्यात में सुधार यह सुनिश्चित करता है कि देश इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सही राह पर है. इलेक्ट्रॉनिक सामान नवंबर, 2022 में सकारात्मक निर्यात वृद्धि प्रदर्शित करने वाले शीर्ष पांच जिंस समूहों में से थे. इस श्रेणी में निर्यात में सालाना 55.1 प्रतिशत की वृद्धि हुई.
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आर्थिक समीक्षा के अनुसार, इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग- मोबाइल फोन, उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स और औद्योगिक इलेक्ट्रॉनिक्स की बदौलत जिंस समूहों में शीर्ष स्थान पर रहा. इसमें कहा गया है, मोबाइल फोन खंड में भारत वैश्विक स्तर पर दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल फोन विनिर्माता बन गया है. वित्त वर्ष 2014-15 में मोबाइल का उत्पादन छह करोड़ से बढ़कर वित्त वर्ष 2021-22 में 31 करोड़ इकाई हो गया. घरेलू और वैश्विक कंपनियां भारत में अपनी उपस्थिति बढ़ा रही हैं जिससे इनमें और सुधार की उम्मीद है.
समीक्षा में कहा गया है, पीएलआई योजना में भागीदारी से कई अन्य घरेलू कंपनियों को स्थानीयकरण से एक स्तर पाने में मदद मिलेगी. यह निर्यात प्रतिस्पर्धा को और बढ़ाएगा, जिससे वैश्विक मूल्य श्रृंखला में भारत की भागीदारी को बढ़ेगी. पीएलआई योजना ने बड़े पैमाने पर इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण के लिए 4,784 करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित किया है.