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Budget 2023: सरकार पीएम मत्स्य योजना के लिए देगी 6000 करोड़,जानें बिहार में क्या है स्थिति और कैसे मिलेगा पैसा

Budget 2023 में केंद्र सरकार के द्वारा पीएम मतस्य संपदा योजना के लिए 6 हजार करोड़ रुपये देने की घोषणा की है. ये योजना पहले से बिहार में लागू है. योजना के तहत बिहार की राजधानी पटना समेत कई जिलों में मत्स्य उत्पादकों को इसका लाभ ले रहे हैं.

Budget 2023 में केंद्र सरकार के द्वारा पीएम मतस्य संपदा योजना के लिए 6 हजार करोड़ रुपये देने की घोषणा की है. ये योजना पहले से बिहार में लागू है. योजना के तहत बिहार की राजधानी पटना समेत कई जिलों में मत्स्य उत्पादकों को इसका लाभ ले रहे हैं. पटना जिले में मछली उत्पादन व उससे जुड़े रोजगार को बढ़ावा देने पर तेजी से काम हो रहा है. इसमें तालाबों की खुदाई, बायोफ्लॉक यूनिट का लाभ, फीस फीड मिल, रेफ्रिजेरेटेड वाहन, वाहन की सुविधा, फिश किऑस्क का निर्माण, आइस प्लांट का निर्माण आदि योजनाओं पर ध्यान दिया जा रहा है.

खाना से लेकर फ्रीज तक के लिए मिलेगा पैसा

प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत मछली के चारा के लिए बृहद फीड मील संयंत्र की स्थापना, रेफ्रिजरेटेड वाहन, मोबाइल फिश किऑस्क, बायोफ्लॉक तालाब का निर्माण, नये तालाब का निर्माण, आइस प्लांट का निर्माण, मोटरसाइकिल आइस बॉक्स सहित, साइकिल आइस बॉक्स सहित, रियरिंग तालाब का निर्माण, जिंदा मछली विक्रय केंद्र का निर्माण आदि शामिल हैं. योजना के तहत इसमें लाभुकों को अलग-अलग अवयवों के लिए अनुदान की व्यवस्था है. नये तालाब के निर्माण में अन्य वर्ग को 1.60 लाख व एससीएसटी महिला वर्ग को 2.40 लाख, बायोफ्लॉक तालाब के निर्माण में 5.60 लाख व 8.40 लाख, आइस प्लांट लगाने में 16 लाख व 24 लाख, रेफ्रिजरेटेड वाहन के लिए 10 लाख व 15 लाख अनुदान मिलता है. योजना के तहत अन्य अवयवों में अलग-अलग अनुदान राशि की व्यवस्था है. मछली चारा के लिए मत्स्य आहार संयंत्र मसौढ़ी व खुसरूपुर अंचल में लगाया गया है. इसकी वास्तविक क्षमता 20 टन प्रतिदिन है.

पटना में 97 लोगों को मिल रहा लाभ

प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत इससे जुड़े लाभुकों को यह सुविधा दी जा रही है. इन योजनाओं में तेजी से काम होने के कारण सूबे में पटना जिला पहले स्थान पर है. योजना के तहत 97 लोगों लाभ पहुंचाया गया है. इसका नतीजा है कि पटना जिले में मछली के खपत के अनुसार उत्पादन में आत्मनिर्भर होने की स्थिति में है. साथ ही मछली का उत्पादन बढ़ने के साथ रोजगार के अवसर व आर्थिक क्षमता में बढ़ोतरी हुई है. पटना जिले में प्रति वर्ष लगभग 23 हजार मिट्रिक टन मछली का खपत है. फिलहाल पटना जिले में 17.65 हजार मिट्रिक टन का उत्पादन हो रहा है. उम्मीद है कि मार्च तक खपत के अनुसार मछली उत्पादन होने लगेगा. 28 जनवरी 2023 को मुख्यमंत्री बेलछी प्रखंड मुर्तजापुर गांव में बायोफ्लॉक तालाब सहित हो रहे काम का निरीक्षण किया. इसके बाद से काम में और तेजी आयी है.

युवाओं को काउंसिलिंग के बाद दिया जा रहा प्रशिक्षण

जिले में मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए युवाओं को प्रशिक्षित कर रही है. इसके लिए युवाओं को काउंसिलिंग किया जा रहा है. महिलाओं को भी प्रशिक्षण दिया जा रहा है. आधिकारिक सूत्र ने बताया कि मछली उत्पादन को बढ़ावा देने से रोजगार के अवसर बढ़ रहे हैं.

्क्या कहते हैं अधिकारी

मछली उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए पीएम मत्स्य संपदा योजना के तहत लोगों को लाभ मिल रहा है. इसमें अलग-अलग अवयवों में अनुदान की सुविधा है. मछली व्यवसाय से जुड़े लोगों को प्रशिक्षण देने के साथ काउंसिलिंग की जा रही है. जिले में खपत के अनुसार उत्पादन में आत्मनिर्भर जल्द होगा.

मनीष कुमार श्रीवास्तव, जिला मत्स्य पदाधिकारी

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