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Budget 2023: बिहार की वो मांग जिसे केंद्र सरकार ने बजट 2023 में माना, जानिए किन प्रस्तावों पर नहीं बनी बात..

Budget 2023: केंद्रीय बजट 2023 में बिहार की किसी मांग को केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने मान लिया तो किसी मांग को अनसूना भी किया. जानिए किन प्रस्तावों पर नहीं बनी बात. किस योजना में शामिल होने की उम्मीद है बाकी.

Budget 2023: केंद्रीय बजट-2023-24 से बिहार सरकार और बिहार के लोगों को काफी उम्मीदें थी. इस बजट में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बिहार के लिए भी कोई विशेष योजना-परियोजना और संस्थानों की घोषणा नहीं की है. लेकिन केंद्रीय बजट में जो घोषणाएं की गयी है,उसमें से कुछ न कुछ हिस्सा बिहार को भी जरूर मिलेगा.

किस एक मांग को केंद्र ने माना

केंद्रीय प्री-बजट मीटिंग में बिहार के वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी ने राज्य की अपेक्षाओं से केंद्र सरकार को अवगत करा दिये थे. उनकी मांगों में से एक मांग,पूंजीगत व्यय के लिए ब्याज मुक्त ऋण सहायता योजना को वर्ष 2023-24 में भी चालू रखने की बात शायद केंद्र ने मान ली है. 1.30 लाख करोड़ की इस सहायता योजना का लाभ भी बिहार को मिलेगा.बिहार की जीविका मॉडल को देश के दूसरे राज्य भी अपनाएंगे.

बिहार के MSME और हस्तशिल्पियों को मिलेगा लाभ

केंद्रीय वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषणा में अमृत काल के लिए संकल्प सशक्त और समावेशी अर्थव्यवस्था के तहत महिलाओं की आर्थिक सशक्तिकरण के लिए देश 81 लाख स्वयं सहायता समूह को पेशेवर की बात कही है. वहीं एक जिला एक उत्पाद के उत्पादों के लिए बाजार उपलब्ध करवाने के लिए लिए राज्य की राजधानी या प्रमुख पर्यटन स्थलों पर यूनिटी मॉल खोलने की घोषणा की गयी है. इसका लाभ भी बिहार के एमएसएमई और हस्तशिल्पियों को मिलेंगे.

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बिहार को इसका भी मिलेगा लाभ

अगले साल के लिए 10 हजार करोड़ का अरबन इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फंड की स्थापना देश के टीयर-2 और टीयर-3 शहरों के लिए किया गया है उसका भी लाभ बिहार को मिलेगा,कारण बिहार में इन दोनों श्रेणी की संख्या ही अधिक है.

बजट में खेती-किसानी पर क्या है खास

बजट में खेती-किसानी पर फोकस है. इसके लिए करीब बीस लाख करोड़ का प्रावधान किया गया है. यह राशि मुख्य रूप से कृषि के साथ-साथ डेयरी और फिशरीज पर खर्च की जाती है.

50 पर्यटन स्थलों में बोधगया का चयन संभव

राज्य सरकार का फोकस भी क्षेत्र में है.घरेलू और अंतरराष्ट्रीय पर्यटन के लिए संपूर्ण पैकेज के रूप में विकसित किए जाने के लिए चैलेंज मोड के माध्यम से 50 पर्यटन स्थलों का चयन किया जाएगा.बिहार के बोधगया का चयन इस योजना के तहत किया जा सकता है.

सरकार की मांग को अनसूनी किया गया

राजकोषीय उत्तर दायित्व बजट घाटा प्रबंधन कानून के तहत ऋण लेने की सीमा बढ़ाने की राज्य सरकार की मांग को अनसूनी कर दी गयी.अब अगले वित्तीय वर्ष में बिहार अपने सकल घरेलू उत्पाद का 3.50% ही ऋण ले सकता है,जबकि मांग 4% करने की थी.

Posted By: Thakur Shaktilochan

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