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बजट से आर्थिक वृद्धि को बल मिलेगा

केंद्रीय बजट में की गयी घोषणाएं उपभोग बढ़ाने और इंफ्रास्ट्रक्चर विकास के लिए सकारात्मक है तथा वैश्विक महत्व की अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में पहलकदमी है.

वर्ष 2023-24 के लिए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा प्रस्तुत बजट का फोकस वृद्धि पर है तथा इसमें सामाजिक एवं इंफ्रास्ट्रक्चर विकास की दीर्घकालिक दृष्टि है. बजट इससे आगाह है कि अर्थव्यवस्था और समाज के विभिन्न हिस्सों को सशक्त बनाने की आवश्यकता है. ऐसा करने के लिए विभिन्न इंफ्रास्ट्रक्चर विकासों के लिए आवंटन बहुत अहम है.

इंफ्रास्ट्रक्चर निवेश के मद में 33 प्रतिशत की बड़ी बढ़ोतरी करते हुए आवंटन को 10 लाख करोड़ रुपये किया गया है तथा प्रधानमंत्री आवास योजना के जरिये सस्ते आवास सुलभ कराने के मद में 66 फीसदी की वृद्धि की गयी है. इन आवंटनों से इंगित होता है कि बजट ग्रोथ एजेंडा की दिशा में अपना कदम मजबूती से आगे बढ़ाया है. ऐसा करते हुए वित्तीय मजबूती के लिए भी रोडमैप मुहैया कराया गया है, जिससे वित्तीय बाजारों को भी खुशी होगी.

सस्ते आवास पर बड़ी पहल: प्रधानमंत्री आवास योजना में आवंटन में वृद्धि महत्वपूर्ण है, जिससे देश में सस्ते आवास सुलभ कराने की प्रक्रिया की गति बनाये रखने में मदद मिलेगी. इस मद में 66 फीसदी से अधिक की वृद्धि कर आवंटन को 79 हजार करोड़ रुपये किया गया है, जिससे सभी को आवास देने की योजना में बड़ी सहायता मिलेगी.

इंफ्रास्ट्रक्चर को बड़ा प्रोत्साहन: देश में इंफ्रास्ट्रक्चर विकास को लेकर अपनी प्रतिबद्धता को सरकार बरकरार रखा है. केंद्रीय बजट में इस संबंध में आवंटन का महत्व यह है कि इसमें रेलवे के लिए रिकॉर्ड आवंटन, आवागमन आधारित विकास, शहरी इंफ्रास्ट्रक्चर, जलमार्ग, बंदरगाह, हवाई अड्डे आदि समेत सभी क्षेत्रों को सम्मिलित किया है.

हरित विकास: स्वच्छ ऊर्जा, पर्यावरण संरक्षण और वनों को फिर से लगाने से जुड़े मसले, विशेषकर तटीय इलाकों में, आदि के साथ बजट में हरित विकास पर दिये गये जोर को उल्लेखनीय ढंग से रेखांकित किया जाना चाहिए. सरकार ने स्वच्छ ऊर्जा से संबंधित वस्तुओं के आयात शुल्कों पर अनुदान देने की घोषणा की है. पर्यटन एवं सत्कार: बजट में पर्यटन एवं सत्कार क्षेत्र के लिए विकास का समुचित वातावरण बनाने की दिशा में उदारतापूर्ण पहलें घोषित की गयी हैं. यह दिलचस्प है कि अधिक केंद्रों को स्थापित करने की बजट घोषणा की भावना समावेशी है.

लोगों के लिए अधिक नकदी: सरकार ने निम्न और मध्य आय के स्तर पर खर्च करने योग्य आमदनी को बढ़ाया है, जो उपभोग में किसी-न-किसी तरह खर्च होगा, जिससे आर्थिक वृद्धि को बल मिलेगा.

रियल इस्टेट सेक्टर पर असर: प्रधानमंत्री आवास योजना में 66 फीसदी की बढ़ोतरी से सस्ते आवास के विकास पर सीधा असर पड़ेगा तथा देश में आवास उपलब्धता की खाई को पाटने में मदद मिलेगी. आयकर स्लैब सीमा को बढ़ाने से लोगों के पास खर्च करने वाली आमदनी बढ़ेगी, जिसे आवास परिसंपत्ति खरीद के लिए उपयोग किया जा सकता है.

इंफ्रास्ट्रक्चर पर जोर देने से भी परोक्ष रूप से रियल इस्टेट सेक्टर को फायदा मिलेगा. इसे आवागमन-आधारित इंफ्रास्ट्रक्चर पर दिये गये जोर के साथ जोड़कर देखें, तो विकास को और गति मिलेगी, जिससे मध्य और दीर्घ अवधि में रियल इस्टेट सेक्टर को भी लाभ होगा. कुल मिलाकर, केंद्रीय बजट में की गयी घोषणाएं उपभोग बढ़ाने और इंफ्रास्ट्रक्चर विकास के लिए सकारात्मक है तथा वैश्विक महत्व की अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में पहलकदमी है.

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