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UP Nature and Bird Festival: प्रवासी परिंदों से चहका विजय सागर पक्षी विहार, आज से होंगे कई आयोजन, ऐसे पहुंचे..

पिछले कुछ वर्षों में यूपी पर्यटन के साथ वन विभाग ने राज्य के वन क्षेत्रों में कुछ सुंदर सर्किट बनाए हैं, प्रकृति की गोद में पर्यटकों के लिए ये बेहद आकर्षित और नई तरह का अनुभव कराने वाले हैं. यूपी नेचर एंड बर्ड फेस्टिवल के दौरान इसकी समृद्ध विरासत देश-विदेश के पर्यटकों को लुभाएगी.

Lucknow: उत्तर प्रदेश में महोबा जनपद का विजय सागर पक्षी अभयारण्य इस बार यूपी नेचर एंड बर्ड फेस्टिवल की मेजबानी कर रहा है. आयोजन के दौरान बुंदेलखंड के इस इलाके में पर्यटकों की खास मौजूदगी रहेगी. इस फेस्टिवल में देश के प्रतिष्ठित इको-टूरिज्म ऑपरेटर, ट्रेवल राइटर, पक्षी प्रेमी और पर्यावरण विशेषज्ञ भाग ले रहे हैं.

एक हजार मेहमानों के शामिल होने की संभावना

पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन और पर्यटन विभाग की ओर से आयोजित इस फेस्टिवल में आज मुख्य कार्यक्रम में लगभग एक हजार मेहमानों के शामिल होने की संभावना है. इस अवसर पर प्रातः बर्ड वॉचिंग ट्रिप का आयोजन किया जाएगा. इसके बाद पक्षियों एवं इको-टूरिज्म से सम्बंधित प्रस्तुतिकरण किया जाएगा. शाम को अतिथियों को महोबा क्षेत्र का स्थानीय भ्रमण कराया जाएगा.

विभिन्न प्रजातियों के परिंदों ने बनाया ठिकाना

विजय सागर पक्षी विहार इन दिनों परदेसी परिंदों से गुलजार है. सुबह-शाम चिड़ियों की चहचाहट और कलरव सहज ही पर्यटकों को आकर्षित कर रहा है. वर्तमन में यहां 1,262 प्रवासी व 2,335 स्थानीय पक्षी मौजूद हैं. ठंडे देशों में बर्फ जमा होने से बुंदेलखंड में हर साल सैकड़ों विदेशी पक्षी विजय सागर झील में डेरा जमा लेते हैं.

कजाकिस्तान, रूस, बेलारूस, चेकोस्लाविया से माह नवंबर में परदेसी परिंदे आते हैं और फरवरी के अंत तक वापस लौट जाते है. इस समय आसमान में विभिन्न प्रजातियों के परिंदे उड़ान भरते नजर आ रहे हैं. विजय सागर पक्षी विहार में इस समय लालसर, मटामर, करूल, पनकौआ, पनडुब्बी, जलमुर्गी, घोंघिला, अंधा बगला, सारस, नकटा, सींखपर, दोंख, बगला, चमचा पक्षियों को देखा जा रहा है.

कालिंजर किले,  इको-टूरिज्म स्थलों का भ्रमण

इको-पर्यटन बोर्ड के निदेशक प्रखर मिश्रा ने बताया कि 3 फरवरी को इको-टूरिज्म टूर ऑपरेटर बांदा स्थित कालिंजर किले तथा चित्रकूट में इको-टूरिज्म स्थलों का भ्रमण करेंगे. इसके बाद 4 फरवरी को इको-टूरिज्म टूल ऑपरेटर प्रयागराज होते हुए वाराणसी के लिए प्रस्थान करेंगे. वाराणसी में क्रूज की यात्रा के बाद वाराणसी में नवस्थापित टेंट सिटी में रात्रि विश्राम करेंगे.

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पर्यटकों के आकर्षण का बनेगा केंद्र

5 फरवरी को इको-टूरिज्म टूर ऑपरेटर प्रातः वाराणसी का स्थलीय भ्रमण करने के बाद दिल्ली रवाना होंगे. इस कार्यक्रम से इको-टूरिज्म की प्रदेश में असीम संभावनाओं का व्यापक प्रचार-प्रसार होगा. साथ ही बुंदेलखंड क्षेत्र में स्थित विजय सागर पक्षी विहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और देश के विभिन्न प्रांतों के पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनेगा.

सड़क-रेल मार्ग से इस तरह पहुंचे विजय सागर पक्षी विहार

विजय सागर पक्षी विहार तक सड़क और रेलमार्ग से पहुंचा जा सकता है. यहां के लिए निकटतम रेलवे स्टेशन महोबा है. यह प्रयागराज व झांसी रेललाइन से जुड़ा है. जिला मुख्यालय से पांच किलोमीटर की दूरी पर विजय सागर अभ्यारण्य केंद्र है. निकटतम हवाई अड्डा खजुराहो है. यहां प्रवेश करने के लिए एक पर्यटक को 30 रुपये का टिकट लेना होता है. झील का नजारा देखने के लिए नेचर ट्रेल के सहारे जंगलों में जा सकते हैं. एक पहाड़ पर हवा महल बनाया गया है.

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