22.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

मद्रास HC का बड़ा निर्णय! मुस्लिम महिलाएं ‘खुला’ के जरिये सिर्फ फैमिली कोर्ट में ले सकती हैं तलाक, जानें डिटेल

Madras High Court: अदालत ने कहा कि ‘खुला’ मामलों में इस तरह की निजी संस्थाओं द्वारा जारी प्रमाणपत्र अवैध हैं. उल्लेखनीय है कि एक व्यक्ति ने अपनी पत्नी को जारी किए गए ‘खुला’ प्रमाणपत्र को रद्द करने का अनुरोध करते हुए उच्च न्यायालय में एक रिट याचिका दायर की थी.

Madras High Court: मद्रास उच्च न्यायालय ने अपने एक निर्णय में कहा है कि मुस्लिम महिलाओं के पास यह विकल्प है कि वे ‘खुला’ (तलाक के लिए पत्नी द्वारा की गई पहल) के जरिये अपनी शादी को समाप्त करने के अधिकार का इस्तेमाल परिवार अदालत में कर सकती हैं, ‘शरीयत काउंसिल’ जैसी निजी संस्थाओं में नहीं. अदालत ने कहा कि निजी संस्थाएं ‘खुला’ के जरिये शादी समाप्त करने का फैसला नहीं दे सकतीं,ना ही विवाह विच्छेद को सत्यापित कर सकती हैं.

Also Read: Madras High Court: पत्नी के मंगलसूत्र हटाने का कृत्य मानसिक क्रूरता, मद्रास हाईकोर्ट की टिप्पणी
‘वे न्यायालय नहीं हैं और ना ही विवादों के निपटारे के लिए मध्यस्थ हैं.’

अदालत ने कहा, ‘‘वे न्यायालय नहीं हैं और ना ही विवादों के निपटारे के लिए मध्यस्थ हैं.’’ अदालत ने कहा कि ‘खुला’ मामलों में इस तरह की निजी संस्थाओं द्वारा जारी प्रमाणपत्र अवैध हैं. उल्लेखनीय है कि एक व्यक्ति ने अपनी पत्नी को जारी किए गए ‘खुला’ प्रमाणपत्र को रद्द करने का अनुरोध करते हुए उच्च न्यायालय में एक रिट याचिका दायर की थी. न्यायमूर्ति सी. सरवनन ने इस मामले में अपने फैसले में शरीयत काउंसिल ‘तमिलनाडु तौहीद जमात’ द्वारा 2017 में जारी प्रमाणपत्र को रद्द कर दिया.

Also Read: Budget Session: हंगामे के बीच सदन की कार्रवाई दो बजे तक के लिए स्थगित, विपक्ष विजय चौक पर करेगा प्रदर्शन
जानिए अदालत ने क्या कहा?

फैसले में कहा गया है कि मद्रास उच्च न्यायालय ने बदीर सैयद बनाम केंद्र सरकार, 2017 मामले में अंतरिम स्थगन लगा दिया था और उस विषय में ‘प्रतिवादियों (काजियों) जैसी संस्थाओं द्वारा ‘खुला’ के जरिये विवाह-विच्छेद को सत्यापित करने वाले प्रमाणपत्र जारी किये जाने पर रोक लगा दिया था. अदालत ने कहा कि एक मुस्लिम महिला के पास यह विकल्प है कि वह ‘खुला’ के जरिये शादी को समाप्त करने के अपने अधिकार का इस्तेमाल परिवार अदालत में कर सकती है और जमात के कुछ सदस्यों की एक स्वघोषित संस्था को ऐसे मामलों के निपटारे का कोई अधिकार नहीं है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें