पटना. उपेंद्र कुशवाहा ने दावा किया है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उन्हें अपने बाद जदयू की जिम्मेदारी सौंपने की बात कही थी, तभी वो अपनी पार्टी का जदयू में विलय को राजी हुए थे. दो साल पहले नीतीश कुमार से बंद कमरे में हुई बातचीत को सार्वजनिक करते हुए उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि मैं अपनी पार्टी राष्ट्रीय लोक समता पार्टी चला रहा था. मुझे नीतीश कुमार ने बुलाया और बंद कमरे में बात की. नीतीश कुमार ने मुझसे कहा था कि आप साथ आइये, मेरे बाद आपको ही पार्टी संभालना है, दूसरा कोई नहीं है. उपेंद्र कुशवाहा ने इस खुलासे के साथ एक संकेत भी दिया है. आनेवाले दिनों में जदयू से इस्तीफा देनेवाले आरसीपी सिंह के साथ उनका सियासी गठजोड़ हो सकता है.
स्थानीय मीडिया से बात करते हुए उपेंद्र कुशवाहा ने जदयू में मेरी पार्टी का विलय होते ही मेरे खिलाफ साजिश रची गयी. एमएलसी रामेश्वर महतो के बयान का जिक्र करते हुए कुशवाहा ने कहा कि जदयू के अंदर मेरे खिलाफ बैठकें होती रहीं. बैठक में जदयू के प्रदेश अध्यक्ष, एक मंत्री और एक सांसद शामिल होते रहे, लेकिन ये सब मोहरे थे. मुख्यमंत्री के करीबियों ने ही मेरे खिलाफ बैठकें करवायी थीं. कुशवाहा ने कहा कि जिन लोगों से नीतीश घिरे हुए हैं, वह जानते हैं कि उपेंद्र कुशवाहा पर डायरेक्ट हमला कर के हम जीत नहीं पायेंगे. इसलिए दूसरे लोगों को आगे लाया गया. उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि मुझे दुख इस बात है कि नीतीश कुमार बेबस हो गये हैं, वे वही कर रहे हैं जो उनके साथ रहने वाले कह रहे हैं. नीतीश कुमार अपनी मर्जी से कोई फैसला नहीं ले पा रहे हैं.
उपेंद्र कुशवाहा ने आज इस बात के भी संकेत दिये कि उनका गठबंधन जदयू से इस्तीफा दे चुके आरसीपी सिंह के साथ हो सकता है. कुशवाहा ने कहा कि आरसीपी सिंह को जानबूझ कर शिकार बनाया गया. आरसीपी सिंह के खिलाफ उन्हीं लोगों ने प्लानिंग की थी, जिन्होंने बाद में मेरे खिलाफ साजिश रची. आरसीपी सिंह से गठबंधन करने के सवाल पर उपेंद्र कुशवाहा ने जवाब दिया कि आरसीपी सिंह से मेरी कोई व्यक्तिगत लड़ाई नहीं है. कुछ दिनों के लिए मतभेद हुए थे, लेकिन हम अब समझ पा रहे हैं कि आरसीपी सिंह के खिलाफ साजिश रची गयी थी. उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि बड़े मकसद के लिए कभी कभी छोटी-छोटी बातों को भूलना पड़ता है. चूंकि मेरा लक्ष्य बड़ा है इसलिए छोटी बातों को भूलेंगे.