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Vishwakarma Jayanti 2023: विश्वकर्मा जयंती आज, जानें क्यों मनाया जाता है ये दिन

Vishwakarma Jayanti 2023: जबकि विश्वकर्मा पूजा हर साल 16 और 17 सितंबर के आसपास मनाई जाती है, विश्वकर्मा जयंती या भगवान विश्वकर्मा की जयंती माघ महीने के शुक्ल पक्ष के दौरान मनाई जाती है.

Vishwakarma Jayanti 2023: जबकि विश्वकर्मा पूजा हर साल 16 और 17 सितंबर के आसपास मनाई जाती है, विश्वकर्मा जयंती या भगवान विश्वकर्मा की जयंती माघ महीने के शुक्ल पक्ष के दौरान मनाई जाती है. इस वर्ष यह 3 फरवरी 2023 को मनाया जा रहा है. देश के कई हिस्सों में इस दिन यह पर्व मनाया जाता है. हिंदू भक्तों का मानना है कि इस दिन भगवान विश्वकर्मा की पूजा करने से वे जो कुछ भी हासिल करना चाहते हैं उसमें सफल हो सकते हैं. भगवान विश्वकर्मा को ब्रह्मांड का दिव्य वास्तुकार माना जाता है, और वे इस दिन माघ महीने के दौरान प्रकट हुए थे. भारत के उत्तरी और पश्चिमी हिस्से इस दिन को बड़े पैमाने पर मनाते हैं.

17 सितंबर को मनाया जाता है विश्वकर्मा पूजा

सबसे प्रसिद्ध विश्वकर्मा जयंती 2023 तिथि 17 सितंबर है. एक और लोकप्रिय विश्वकर्मा पूजा दिवाली के बाद नवंबर में आयोजित की जाती है. केरल में यह ऋषि पंचमी के दिन भी मनाया जाता है. 17 सितंबर, 2023 को विश्वकर्मा पूजा मुख्य रूप से भारत के पूर्वी हिस्सों – पश्चिम बंगाल, झारखंड, उड़ीसा और त्रिपुरा में मनाई जाती है. यह एक वर्ष में सबसे प्रसिद्ध और सबसे महत्वपूर्ण विश्वकर्मा पूजा है.

ये लोग करते हैं भगवान विश्वकर्मा की विशेष पूजा

विश्वकर्मा पूजा भी भारत के कई हिस्सों में दीवाली अवधि के दौरान आयोजित की जाती है. हिंदू धर्म में भगवान विश्वकर्मा ब्रह्मांड के दिव्य वास्तुकार और दिव्य बढ़ाई हैं. उनका नाम सबसे पहले ऋग्वेद में आता है और उन्हें यांत्रिकी और वास्तुकला के विज्ञान स्थापत्य वेद का श्रेय भी दिया जाता है. मजदूरों, कारीगरों, बढ़ई, शिल्पकारों, यांत्रिकी, लोहार और अन्य श्रमिकों द्वारा मंदिरों और कार्यस्थलों पर इस दिन विशेष पूजा की जाती है.

माघ मास में विश्वकर्मा जयंती

ऐसा माना जाता है कि इस दिन पूजा करने से लाभ में सुधार और दुर्घटना मुक्त कार्य वातावरण बनाने में मदद मिलेगी. माघ मास में विश्वकर्मा जयंती मुख्य रूप से महाराष्ट्र, गुजरात और मध्य प्रदेश में मनाई जाती है. यह माघ शुक्ल पक्ष त्रयोदशी तिथि को पड़ता है.

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