पटना. बिहार में 7 और एकलव्य स्कूल खुलेंगे. अब तक तीन जिलों में एकलव्य स्कूल खुल चुके हैं. ऐसे में अब बिहार में कुल 10 एकलव्य विद्यालय हो जायेंगे. अभी केवल जमुई में बच्चों का दाखिला हुआ है. कैमूर के अधौरा और पश्चिम चंपारण के रामनगर में भवन बन रहा है. उम्मीद है इस सत्र से यहां भी पढ़ाई शुरू हो जायेगी. इन दोनों जगहों पर भी 700 के लगभग नामांकन होगा. इन तीन जिलों के अलावा बिहार में सात और जगहों पर एकलव्य विद्यालय खोलने का निर्णय लिया गया है. इन सात एकलव्य विद्यालय के लिए अब जगह चिह्नित की जा रही.
केंद्रीय बजट में देश भर में 740 एकलव्य विद्यालय खोले जाने की घोषणा हुई. इसमें 7 विद्यालय बिहार में खुलने हैं. जिन जगहों पर आदिवासी समुदाय के लोग अधिक रहते हैं, वहीं पर एकलव्य स्कूल खोला जाएगा. ऐसे में बिहार सरकार जल्द ही जगह चिह्नित करेगी. एससी और एसटी वर्ग के बच्चों को शैक्षणिक सुविधा देनेके लिए एकलव्य विद्यालय खोला जा रहा है. इसमें छात्र और छात्राएं दोनों के पढ़ने और रहने की व्यवस्था होगी. इस प्रकार अब बिहार में लगभग 8 हजार से अधिक बच्चों का नामांकन एकलव्य विद्यालय में होगा. इसके लिए बिहार कर्मचारी चयन आयोग द्वारा शिक्षकों की बहाली की जाएगी. एक विद्यालय में लगभग 20 से 25 शिक्षक होंगे.
फिलहाल, बिहार में केवल जमुई में एकलव्य विद्यालय में पढ़ाई शुरू हो पायी है. यहां कुल 740 बच्चों के लिए आवासीय व्यवस्था की गयी है. वहीं, कैमूर में 654 और पश्चिम चंपारण के लिए 634 बच्चों के पढ़ने और रहने की व्यवस्था की जा रही है. प्रस्तावित सात नये एकलव्य विद्यालय में भी 600 से 700 बच्चों के रहने और पढ़ने की व्यवस्था की जायेगी. कैमूर और पश्चिम चंपारण में स्थित एकलव्य विद्यालय 2023 में चालू कर दिया जाएगा. कल्याण विभाग के राणा वैद्यनाथ कुमार ने स्थानीय मीडिया से बात करते हुए कहा कि एकलव्य विद्यालय पूरी तरह से आवासीय होगा. स्कूल के साथ छात्रावास की भी व्यवस्था रहेगी. नये विद्यालयों का काम नये सत्र से शुरू हो जाएगा.