12.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

झारखंड : बजट पूर्व गोष्ठी में IIM डायरेक्टर ने इनोवेशन और स्टार्टअप पर दिया जोर, अन्य विशेषज्ञों ने कही ये बात

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में रांची में बजट पूर्व गाेष्ठी का आयोजन हुआ. इस मौके पर कई विशेषज्ञों ने अपने सुझाव रखे. वहीं, मुख्य सचिव सहित अन्य अधिकारियों ने अपने विचार रखे. वहीं, 'हमीन कर बजट' पोर्टल पर इस बार 729 सुझाव मिले.

Jharkhand Budget 2023: रांची के प्रोजेक्ट भवन में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में वित्त विभाग द्वारा आयोजित बजट पूर्व गोष्ठी 2023-24 संपन्न हुई. इस मौके पर राज्य के बजट को लेकर कई विशेषज्ञों ने अपने सुझाव दिये. आईआईएम, रांची के निदेशक दीपक श्रीवास्तव ने कहा कि राज्य में एक नई संस्कृति शुरू करने की जरूरत है. राज्य सरकार को इस बात पर फोकस करना चाहिए कि स्कूल स्तर पर इनोवेशन और स्टार्टअप की संस्कृति की शुरुआत की जाय. राज्य में इको टूरिज्म को बढ़ावा मिलना चाहिए. राज्य में सस्टेनेबल पॉलिसी बनाने की जरूरत है. साथ ही सोशल इन्फ्रास्ट्रक्चर यूनिट की स्थापना होनी चाहिए, ताकि कैपेसिटी बिल्डिंग का निर्माण किया जा सके और ह्यूमन डेवलपमेंट इंडेक्स पर काम किया जा सके.

फॉरेस्ट के संवर्धन के लिए ग्राम सभा और पंचायत को सशक्त बनाने की जरूरत : प्रेम शंकर

प्रदान संस्था के प्रतिनिधि प्रेमशंकर ने प्राकृतिक संसाधनों के उपयोग को आजीविका से जोड़ने पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि राज्य के कई जिले हैं जहां का भूगर्भ जल खत्म होने जा रहा है और हम सूखे की ओर बढ़ रहे हैं. अगर पानी को बचाना है, तो यहां के जंगलों को बचाना होगा और जंगलों के संवर्धन के लिए ग्राम पंचायतों को सशक्त करना होगा. सरकार को चाहिए की केरल की तर्ज पर राज्य की ग्राम पंचायतों को कम से कम 20 प्रतिशत बजट का हिस्सा उपलब्ध कराए, ताकि ग्राम स्तर पर विकास की रूपरेखा सुनिश्चित की जा सके. राज्य में फार्मिंग की संभावनाएं हैं. राज्य में कई ऐसे जिले हैं जहां अभी भी कैमिकल फार्मिंग न के बराबर की जाती है, उन क्षेत्रों को नेचुरल फार्मिंग में बदला जा सकता है.

राजस्व बढ़ाने पर फोकस कर सुविधाजनक नीति का निर्माण जरूरी : किशोर मंत्री

चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष किशोर मंत्री ने बजट पूर्व गोष्ठी में अपने विचार प्रस्तुत करते हुए कहा कि बजट पूर्व की चर्चा में सबसे पहले राजस्व की बात होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि सरकार बंद पड़ी माइंस को खोले, पुरानी माइंस की लीज का नवीनीकरण करे और सुविधाजनक नीतियों का निर्माण कर माइंस आधारित उद्योगों की स्थापना के लिए कदम बढ़ाए. राज्य में वनोपज को बढ़ावा देने के लिए जिला स्तर पर ट्राइबल बिजनेस यूनिट का गठन सुनिश्चित हो. पर्यटन को उद्योग का दर्जा दिया जाय और प्रत्येक प्रमंडल में ट्रेड बिजनेस सेंटर का स्थापना की जाए और ज्यादा ट्रैफिक वाले शहरों में रिंग रोड, ट्रांसपोर्ट नगर का निर्माण और बस स्टैंड का आधुनिकीकरण किया जाए.

Also Read: Jharkhand Budget 2023: CM हेमंत ने विशेषज्ञों संग की ‘हमीन कर बजट’ पर चर्चा, रोजगार सृजन और रेवेन्यू पर जोर

उच्च शिक्षा के लिए बजट में 300 से 400 करोड़ का प्रावधान किया जाए : डॉ सुधांशु भूषण

एनआईईपीए के वाइस चेयरमैन डॉक्टर सुधांशु भूषण ने बजट पूर्व गोष्ठी में अपने विचार रखे. उन्होंने उच्च शिक्षा के विकास के संदर्भ में कहा कि राज्य में छात्रों का एनरोलमेंट सबसे ज्यादा सरकारी कॉलेज में है, लेकिन राज्य के सिर्फ सात जिलों में ही यूनिवर्सिटी हैं और 17 जिले ऐसे हैं जहां यूनिवर्सिटी नहीं है, शिक्षकों को कमी है जबकि हर जिले में एक यूनिवर्सिटी महाराष्ट्र की तर्ज पर होनी चाहिए. हर जिले में काम से काम एक लीड कॉलेज बनाने की जरूरत है. सरकार को शिक्षकों की नियुक्ति का पद सृजन वर्तमान में बच्चों की संख्या का अध्ययन कर के करनी चाहिए. यूनिवर्सिटी की स्थापना के लिए हर साल बजट में 100 करोड़ का प्रावधान करना चाहिए. टीचर की कैपेसिटी बिल्डिंग के लिए काम करने की जरूरत है, छात्रों से संबंधित समस्याओं की अध्ययन किया जाए. नई शिक्षा नीति के तहत स्पेशलाइजेशन को बढ़ावा मिले और अपने कैरिकुलम को पूरा करें. इन सब के लिए सरकार को शिक्षा बजट में कम से कम 300 से 400 करोड़ के बजट का प्रावधान करने की जरूरत है.

स्किल डेवलपमेंट के लिए डाटा सेंटर की सख्त जरूरत : प्रोफेसर राजेंद्र नारायणन

अजीम प्रेमजी यूनिवर्सिटी, बेंगलुरु से आये प्रोफेसर राजेंद्रन नारायणन ने कहा कि सरकार ने शहरी रोजगार प्रोग्राम शुरू किया. उसके सकारात्मक परिणाम सामने आए और पलायन रुका, लेकिन, अन्य प्रदेशों के बनिस्पत शहरी रोजगार में महिलाओं की भागीदारी कम थी. शहरी रोजगार के तहत स्पोर्ट्स, हॉस्टल, मजदूर शेल्टर, महिला टॉयलेट के निर्माण से भी महिलाओं को जोड़ा जा सकता है. राज्य में डाटा सेंटर की सख्त जरूरत है, ताकि स्किल डेवलपमेंट में काम हो सकता है. उन्होंने हेल्थ, पोषण, चाइल्ड न्यूट्रीशन के क्षेत्र के विकास के लिए अपने विचार रखे.

नॉन परफॉर्मिंग विभाग के बजट को कट कर देना चाहिए : मुख्य सचिव

राज्य के मुख्य सचिव सुखदेव सिंह ने बजट पूर्व गोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा कि हमारे यहां बजट बन जाता है, लेकिन हमारे विभाग बजट की राशि को खर्च करने में पीछे रह जाते हैं. उसकी वजह है कि हम योजना तब बनाते हैं जब बजट मिल जाता है. बजट आवंटित होने के बाद विभाग डीपीआर बनाता है. इसलिए हमें इस बात की जरूरत है कि जो भी योजना है, उसे बजट में लाने के पहले उसपर होम वर्क करें और कम से कम तीन साल के लिए योजना तैयार कर लें. मुख्य सचिव ने कहा कि वित्त विभाग को हर विभाग की हर छह या आठ महीने में समीक्षा करने की जरूरत है और नॉन परफॉर्मिंग विभाग के बजट को कट कर देना चाहिए. साथ ही योजनाओं में डुप्लीकेसी को रोकने की भी जरूरत है. हमें ये सोचना होगा कि जिन योजनाओं को हम केंद्र प्रायोजित करा सकते हैं उन योजनाओं पर खर्च राज्य सरकार पर न पड़े.

Also Read: झारखंड के इस गांव में बालिका वधू बनने से बची 2 बेटियां, पढ़ें पूरी खबर

राजस्व के बढ़ाने वाले स्रोतों की तलाश करनी होगी

उन्होंने कहा कि पीएल खाते के प्रबंधन के लिए भी एक सुदृढ़ व्यवस्था लागू होनी चाहिए. हम सभी ने कोरोना के दौरान पलायन का वीभत्स चेहरा देखा है और मुख्यमंत्री के नेतृत्व में हमने इस दौरान कई ऐतिहासिक फैसले भी लिए हैं. हमें किसी भी योजना को लागू करने से पहले हमें राजस्व के बढ़ाने वाले स्रोतों की तलाश करनी होगी. इन्फ्रास्ट्रक्चर पर फोकस करते हैं, तो राजस्व की क्षति होती है. अगर राजस्व पर फोकस करते हैं, तो इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रभावित होता है. वहीं, दूसरी ओर जीएसटी ने हमारे राजस्व के स्रोत को सीमित कर दिया है. योजना बनाते हैं तो वह विलंब से शुरू होती है, नतीजा उसपर होने वाली लागत बढ़ जाती है.

राज्य की आय में सबसे बड़ा रिसोर्स वाणिज्यकर का है

बजट पूर्व गोष्ठी 2023-24 को संबोधित करते हुए वित्त विभाग के प्रधान सचिव अजय कुमार सिंह ने कहा कि राज्य की प्रति व्यक्ति आय पूरे देश की प्रति व्यक्ति आय के अनुपात में 40 प्रतिशत कम है. हमारे राज्य का ग्रोथ रेट 8.2 प्रतिशत है. राज्य को केंद्रीय कर 27 प्रतिशत जबकि राज्य कर से 25 प्रतिशत प्राप्त होती है. राज्य की आय में सबसे बड़ा रिसोर्स वाणिज्यकर का है जबकि नॉन रेवेन्यू टैक्स सबसे ज्यादा माइंस प्रक्षेत्र से आता है. 2022-23 में 9680 करोड़ संभावित है. राज्य में सबसे ज्यादा व्यय estaiblishment पर 2022-23 में 43 हजार 842 करोड़ रुपये खर्च किया जाना है.

‘हमीन कर बजट’ पोर्टल पर मिले 729 सुझाव

उन्होंने कहा कि 10 जनवरी, 2023 को ‘हमीन कर बजट’ पोर्टल लॉन्च किया गया था जिसमें कृषि, उद्योग, इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी, ऊर्जा, टूरिज्म, स्वास्थ्य, शिक्षा, महिला एवं बाल विकास को लेकर कुल 729 सुझाव प्राप्त हुए हैं. पिछले वर्ष बजट 2022-23 के लिए जो गोष्ठी का आयोजन हुआ था उसमें कुल 16 सुझाव आये थे जिनमें से सात सुझावों को बजट में उपबंधित किया गया था.

Also Read: Indian Railways News: वर्ल्ड क्लास का रेलवे स्टेशन बनेगा टाटानगर, जानें क्या-क्या मिलेगी सुविधाएं

बजट पूर्व गोष्ठी में ये भी हुए शामिल

बजट पूर्व गोष्ठी में मुख्य रूप से बोर्ड ऑफ सेंट्रल फॉर डेवलपमेंट स्टडीज के चेयरमैन डॉ सुदीप्तो मुंडले, स्ट्रेटजी लीड पार्टनर ऑफ गवर्नमेंट एंड पब्लिक सेक्टर के अजीत पाय, वाइस चेयरमैन इंस्टीट्यूट ऑफ डेवलपमेंट स्टडीज, जयपुर के पिनाकी चक्रवर्ती, बैंकर्स समिति के डीजीएम सुबोध कुमार, पब्लिक फाइनेंस मैनेजमेंट के विशेषज्ञ प्रभात कुमार सहित कई अर्थशास्त्रियों ने अपने विचार रखे.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें