22.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

कश्मीर नहीं अब बाजार में मिलेगा बिहारी सेब, कटिहार में हो रही खेती, जानें यहां खेती कैसे हुई संभव

केले की खेती खराब होने के बाद युवा किसान मंजीत ने विकल्प के रूप में सेब को चुना. कोढ़ा प्रखंड की भटवाड़स पंचायत के युवा किसान मंजीत ने एक एकड़ में सेब की खेती शुरू की. इससे उन्हें मुनाफा भी हो रहा है.

केले की खेती खराब होने के बाद युवा किसान मंजीत ने विकल्प के रूप में सेब को चुना. कोढ़ा प्रखंड की भटवाड़स पंचायत के युवा किसान मंजीत ने एक एकड़ में सेब की खेती शुरू की. इससे उन्हें मुनाफा भी हो रहा है. किसान हिमाचल प्रदेश गये और वहां से इजराइल की वेराइटी के सेब के पौधे लाये. उसे ट्रायल के तौर पर लगाया. ट्रायल सफल हो गया. इसके बाद उन्होंने एक एकड़ में हिमाचल से पौधे ला कर लगाये. मंजीत बताते हैं कि सेब का पेड़ लगाने पर लोगों को पहले विश्वास नहीं हुआ कि बिहार के मौसम में सेब की खेती हो सकती है. गांव के लोगों ने मजाक भी बनाया. मगर जब फल गया तो लोग दंग रह गए.

25 वर्ष होती है एक पेड़ की आयु

युवा किसान ने बताया कि सेब की तीन नस्ले हैं, जिसकी खेती इस इलाके में की जा सकती है. पहली नस्ल-अन्ना, दूसरी नस्ल-डोरमैट गोल्डेन जबकि तीसरा- माइकल है. ये तीनों यहां की जमीन में की जाने वाली नस्ल है. ये गर्मक्षेत्र में होने वाले सेब हैं. उन्होंने बताया कि सेब के एक पेड़ की आयु 25 वर्ष की होती है. उन्होंने बताया कि जब बाजार में कश्मीरी सेब खत्म हो जाता है और कोल्ड स्टोरेज से सेब आने लगता है.

एक सीजन में 50 हजार से अधिक की होती कमाई

उन्होंने बताया कि सेब के पेड़ मार्च महीने में फूल देता है. उसी समय सेब भी तैयार हो जाता है. सेब तैयार होने में पांच महीने का समय लगता है. इसमें एक एकड़ में कुल लागत लगभग 25 हजार के करीब लग जाता है. वहीं इससे 50 हजार रुपये तक मुनाफा होता है. फंगस की बीमारी पकड़ लेने से पेड़ में होने वाले सेब बर्बाद हो जाते हैं. इसलिए पेड़ की जड़ में पानी का ठहराव नहीं हो इसका ध्यान रखना है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें