प्रीतम कुमार, पटना
पटना के कई भूमिहीन सरकारी स्कूलों को निर्माण के लिए जमीन नहीं मिल रही है. मजबूरन पिछले कई वर्षों से एक ही सरकारी स्कूल के कैंपस में कई स्कूलों का संचालन करना पड़ रहा है. लगभग एक दर्जन स्कूल दशकों से बगल के सरकारी स्कूल में चल रहे हैं. प्रभात खबर ने पटना के अलगअलग कॉलोनी में मौजूद ऐसे सरकारी स्कूलों की पड़ताल की, तो पता चला कि कई जगहों पर तो एक ही स्कूल की बिल्डिंग में पांच विद्यालयों का संचालन किया जा रहा है. कई जगहों पर जमीन नहीं होने से तीन-तीन विद्यालय चल रहे है.
मिलर स्कूल के पीछे छोटे से कैंपस में तीन विद्यालय
पटना के मशहूर मिलर हाइस्कूल के पीछे एक छोटे से कैंपस में कन्या मध्य विद्यालय अदालतगंज (वाटर टावर), बालक मध्य विद्यालय अदालतगंज और मध्य विद्यालय (मीठापुर,अशोक मार्केट) का संचालन किया जा रहा है. कन्या मध्य विद्यालय अदालतगंज (वाटर टावर) के प्रभारी प्रधानाचार्य असीम मिश्रा के मुताबिक स्कूलों में पढ़ाई दो शिफ्ट में होती है. स्कूल में शौचालय, यूरिनल का अभाव है. तीनों स्कूलों को मिलाकर यहां 1100 बच्चे पढ़ते हैं. तीनों स्कूलों में क्लास 1 से लेकर क्लास 8 तक की पढ़ाई होती है.
8 क्लासरूम में 5 माध्यमिक विद्यालयों के छात्र करते हैं पढ़ाई
सबसे खराब हालत रघुनाथ बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय कंकड़बाग की है. इस स्कूल के कैंपस में दो उच्च विद्यालय और पांच माध्यमिक विद्यालयों का संचालन होता है. यहां 8 क्लासरूम में 5 माध्यमिक विद्यालयों के छात्र और छात्रा पढ़ाई करते हैं. ये पांच कन्या मध्य विद्यालय (बीरचंद पटेल, लोहिया नगर,पटना), राजकीयकृत भारती मध्य विद्यालय (लोहिया नगर,पटना), राजकीय बापू स्मृति मध्य विद्यालय (एलआइसी कॉलोनी, महेंद्रू, पटना), राजकीयकृत मध्य विद्यालय (लोहियानगर,अंचलमहेंद्रू, पटना), राजकीयकृत नवीन आदर्श मध्य विद्यालय (चांदमारी रोड, पटना) हैं. करीब-करीब यही स्थिति पटना के बाहरी इलाके में मौजूद स्कूलों की भी है.
एक ही बिल्डिंग में चल रही है दो स्कूल
बालक मध्य विद्यालय, पुनाईचक में ग्राउंड के साथ दो मंजिली बिल्डिंग है. यहां एक नहीं बल्कि तीन स्कूलों के छात्र और छात्राएं पढ़ाई करते हैं. क्लास 1 से लेकर क्लास 8 तक के यहां करीब 600 छात्र पढ़ाई करते हैं. यहां सुबह की शिफ्ट सुबह 6:30 से 11:30 जबकि दूसरी शिफ्ट सुबह 11:30 से शाम 4:30 तक चलती है. दूसरे शब्दों में कहें, तो छात्र स्कूल के खाली होने का इंतजार करते हैं. जब स्कूल खाली होता है, तो दूसरी शिफ्ट के छात्र स्कूल में दाखिल होते हैं. यहां बालक मध्य विद्यालय, पुनाईचक कैंपस में कन्या मद्य विद्यालय पुनाईचक और प्राथमिक विद्यालय शिवपुरी के बच्चे पढ़ते हैं. बालक मध्य विद्यालय, पुनाईचक के प्रभारी प्रधानाचार्य संजीव कुमार सिंह के मुताबिक पिछले कई दशकों से ऐसा हो रहा है. यहां खुद प्राथमिक शिक्षा निदेशक रवि प्रकाश भी आये थे. उन्होंने स्कूल की तारीफ की लेकिन जमीन की कमी का या स्कूलों के शिफ्ट करने का मामला नहीं सुलझा. इस स्कूल के बच्चों के लिए खेल के मैदान की सुविधा भी उपलब्ध नहीं है.