Bareilly News: बीजेपी ने किसान आंदोलन के बाद जाटलैंड पर मजबूत पकड़ बनाए रखने के लिए पिछले वर्ष 25 अगस्त को यूपी सरकार के कैबिनेट मंत्री भूपेंद्र चौधरी को प्रदेश की बागडोर दी थी. मगर, वह केंद्रीय नेतृत्व की उम्मीदों पर खरे उतर रहे हैं. उनके प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद लखीमपुर खीरी की गोला गोकरननाथ विधानसभा सीट पर भाजपा विधायक के निधन के बाद उपचुनाव हुआ था.
इस उपचुनाव में भाजपा ने विधानसभा चुनाव 2022 से भी अधिक मतों से जीत दर्ज की, तो वहीं सपा सरकार के पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खान की सदस्यता जाने के बाद रामपुर विधानसभा सीट के उपचुनाव में रामपुर पर भी कब्जा जमा लिया. इसके बाद उत्तर प्रदेश की 5 सीट एमएलसी सीट पर हुए चुनाव में 4 सीट पर कब्जा किया है. इसका फायदा नगर निकाय चुनाव से लेकर लोकसभा चुनाव तक में मिलने की उम्मीद जताई जा रही है.
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष चुनावी परीक्षा में पास हो गए हैं. मगर, अब वह अपनी नई टीम बनाने की कोशिश में है. भाजपा प्रदेश कार्यकारिणी के साथ ही जिलों में बड़ा बदलाव होने की उम्मीद जताई जा रही है. विश्वसनीय सूत्रों की मानें तो यूपी के 42 जिलों में जिलाध्यक्ष और 31 जिलों में महानगर/नगर अध्यक्ष बदलने की उम्मीद है. प्रदेश कार्यकारिणी से लेकर जिला और महानगर कार्यकारिणी में जातीय संतुलन का खास ख्याल रखा जाएगा. जिससे नगर निकाय के साथ ही लोकसभा चुनाव में फायदा मिले.
भाजपा आलाकमान ने भूपेंद्र चौधरी को प्रदेश अध्यक्ष बनाकर बड़ा दांव खेला था. यूपी के सीएम पूर्वी उत्तर प्रदेश से हैं, तो वही पार्टी प्रदेश अध्यक्ष पश्चिमी उत्तर प्रदेश से. उनको जाट बिरादरी पर मजबूत पकड़ करने के लिए बनाया गया था. इसके साथ ही सपा के गठबंधन दल रालोद को भी झटका दिया गया.
भाजपा प्रदेश कार्यकारिणी में बरेली से भी कई प्रमुख नामों पर चर्चा चल रही है. इनको प्रदेश कार्यकारिणी में जगह मिलने की उम्मीद है. इसके साथ ही जिला और महानगर संगठन में भी बदलाव की काफी चर्चाएं हैं. मगर, इसकी पुष्टि नहीं की जा सकती है.
सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने रामचरित्र मानस के माध्यम से शूद्र (दलित पिछड़ों) को एकजुट करने की कोशिश की है. क्योंकि, यूपी मे सबसे अधिक करीब 22 फीसद एससी, और 50 फीसद पिछड़ा वोट है. मगर, इस वोट को साधने की कोशिश में भाजपा भी लगी है. भाजपा ने एससी वोट को साधने के लिए स्पेशल प्लान तैयार किया है.
विश्वसनीय सूत्रों की मानें तो भाजपा ने यूपी की आरक्षित 17 संसदीय लोकसभा सीट जीतने को खास प्लान बनाया है. इसमें एससी बस्तियों में कैंप लगाया जाएगा. एससी समाज को भाजपा सरकार के द्वारा किए गए समाज हित के कार्यों को बताया जाएगा. 75 जिलों की 300 से 400 दलित बस्तियों में कैंप किया जाएगा. पार्टी नेताओं को 15000 गांव में पहुंचने का लक्ष्य है.
लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा एससी और ओबीसी समाज के नेताओं का कद बढ़ाएगी. इसके लिए कवायद शुरू हो गई है. भाजपा का एससी और ओबीसी पर खास फोकस है. इसके साथ ही यूपी के पूर्व डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा, पूर्व मंत्री श्रीकांत शर्मा और सिद्धार्थ नाथ सिंह को राष्ट्रीय कार्यकारिणी में जगह मिल सकती है. इसमें भाजपा के 3 से 4 ओबीसी नेताओं को भी राष्ट्रीय टीम में स्थान दिया जा सकता है. यूपी से लोकसभा का प्रतिनिधित्व करने वाले कुछ बीजेपी ओबीसी सांसद को भी टीम में जगह देने की तैयारी है.
भाजपा के यूपी प्रभारी पूर्व कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह हैं.इनको बदलने की चर्चाएं शुरू हो गई हैं.लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर उनको बदलने की चर्चाएं हैं.उनके स्थान पर गुजरात के सीआर पाटिल, और केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर को प्रभारी बनाने के लिए नाम चल रहा है.अनुराग ठाकुर हिमाचल प्रदेश की लोकसभा सीट से चुनाव जीतकर सांसद पहुंचे हैं.
रिपोर्ट- मुहम्मद साजिद, बरेली