मोतिहारी . प्रतिबंधित संगठन पीएफआइ के ट्रेरर मॉड्यूल को लेकर एनआइए के चार दिनों से चकिया व मेहसी मेंं चल रही छापेमारी में आज मो. विलाल पकड़ा गया. वह पीएसआइ ट्रेनर सुल्तान उस्मान उर्फ याकूब का राइट हैंड है. एनआइए ने उसे मधुबन थाने के जितौरा से शक के आधार पर शनिवार की रात को हिरासत में लिया था. कड़ी पूछताछ के बाद उसकी निशानदेही पर रविवार रात कई जगहों पर छापेमारी की गयी, जहां से उसके पीएफआइ से गहरे संबंध के साथ खतरनाक साजिश में शामिल होने का प्रमाण मिला. उसके बाद विलाल को गिरफ्तार कर लिया गया. वह चकिया के हरपुर किशुनी गांव का रहने वाला है.
इससे पहले एनआइए ने रविवार को एक विज्ञप्ति में एनआइए ने मेहसी बहादुरपुर के मो तनवीर और मो आबिद की गिरफ्तारी की पुष्टि की थी. चार दिनों में एनआइए ने पीएफआइ के तीन खतरनाक सदस्यों को गिरफ्तार किया है. सोमवार दोपहर को तीनों को एनआइए टीम कड़ी सुरक्षा के बीच मेडिकल जांच के लिए सदर अस्पताल लेकर आयी, जहां डा सुभाषचंद्र भारतीय ने तीनों का मेडिकल चेकअप किया. साथ ही उनका कोरोना टेस्ट भी कराया गया. सदर अस्पताल में इस दौरान सुरक्षा के कड़े प्रबंध थे. मेडिकल चेकअप के बाद एनआइए तीनों को अपने साथ लेकर चली गयी. एनआइए की एक दूसरी टीम मोतिहारी में कैंप कर रही है. बताया जाता है कि अभी तीन संदिग्ध उनकी कस्टडी में हैं. इउनसे पूछताछ के आधार पर जांच का दायरा आगे बढ़ रहा है.
गिरफ्तार मो विलाल ने एनआइए के समक्ष यह स्वीकार किया है कि वह पीएफआइ से जुड़ा है. याकूब उर्फ उस्मान के साथ कंधा से कंधा मिला संगठन विस्तार में लगा था. उसने यह भी बताया है कि मुजफ्फरपुर के बरूराज का परसौनी गांव पीएफआइ का सेल्टर है. वहां संगठन के राज्य सचिव रियाज मारूफ व ट्रेनर याकूब उर्फ सुल्तान उस्मान के साथ कई बैठकों में वह शामिल भी हुआ है.
मो विलाल के पास से एक मोबाइल मिला है. उसके मोबाइल में कई ऐसे नंबर हैं, जो संदिग्ध प्रतित हो रहे हैं. एनआइए की टीम उसके मोबाइल कॉल डिटेल के साथ-साथ कुछ नंबरों की जांच-पड़ताल कर रही है. कुछ नंबरों पर उसकी लंबी बातचीत हुई है. बातचीत वाला संदिग्ध नंबर किसका है. उसकी भी छानबीन की जा रही है. फिलहाल वह मोबाइल नंबर स्वीच ऑफ है.