भारत के स्वदेश विकसित हल्के लड़ाकू विमान (एलसीए-नेवी) को सोमवार को विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत पर उतारा गया, जिसे नौसेना ने एक ऐतिहासिक उपलब्धि करार दिया है. नौसेना ने कहा कि उसके पायलट ने विमान को पोत पर उतारा.
आत्मनिर्भर भारत की दिशा में साबित हुआ मील का पत्थर
आईएनएस विक्रांत पर एलसीए (नौसेना) की लैंडिंग को आत्मनिर्भर भारत की दिशा में ऐतिहासिक कदम बताया जा रहा है. यह स्वदेशी लड़ाकू विमान के साथ स्वदेशी विमान वाहक को डिजाइन, विकसित, निर्माण और संचालित करने की भारत की क्षमता को प्रदर्शित करता है. नौसेना ने बयान में कहा, नौसेना के पायलटों द्वारा एलसीए (नेवी) को आईएनएस विक्रांत पर उतारे जाने के साथ भारतीय नौसेना ने आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की. नौसेनाध्यक्ष के एडमिरल आर हरि कुमार ने कहा, भारत के पहले स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर पर स्वदेशी LCA नेवी की सफल लैंडिंग और टेक-ऑफ ‘आत्मनिर्भर भारत’ के हमारे सामूहिक विजन को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.
सितंबर में पीएम मोदी ने आईएनएस विक्रांत को नौसेना में किया था शामिल
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल भारत के प्रथम स्वदेश निर्मित विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत को नौसेना की सेवा में शामिल किया था.
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HISTORIC: Visuals of LCA Navy and MiG29K jets making first landings/takeoff on INS Vikrant pic.twitter.com/REAEE7akTK
— ANI (@ANI) February 6, 2023
क्या है आईएनएस विक्रांत की खासियत
आईएनएस विक्रांत 262 मीटर लंबा है. इसकी ऊंचाई 61 मीटर है और इसका फ्लाइट डेक 12,500 वर्ग मीटर है. जिसकी अधिकतम गति 28 समुद्री मील है. विक्रांत भारतीय नौसेना द्वारा संचालित होने वाला चौथा विमानवाहक पोत है. 1961 से 1997 तक पहला विक्रांत (ब्रिटिश मूल), 1987 से 2016 तक आईएनएस विराट (ब्रिटिश मूल) और 2013 से आईएनएस विक्रमादित्य.
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