धनंजय पांडेय, मुजफ्फरपुर
मैट्रिक के साथ तीन वर्षीय इंजीनियरिंग डिप्लोमा करने वाले मेधावी स्टूडेंट्स को सरकार ने बड़ी सौगात दी हैं. अब वे आइआइटी व एनआइटी में दाखिले के लिए दावेदारी कर सकेंगे. सरकार ने तीन वर्षीय डिप्लोमा को इंटर साइंस के समकक्ष मान्यता दे दी हैं. सरकार के संयुक्त सचिव संजय कुमार की ओर से इसकी अधिसूचना जारी की गयी है. सभी इंजीनियरिंग कॉलेज व पॉलिटेक्निक के साथ ही विश्वविद्यालयों को भी विभाग की ओर से पत्र भेजा गया है. संयुक्त सचिव ने कहा है कि मैट्रिक उत्तीर्णता के बाद तीन वर्षीय इंजीनियरिंग डिप्लोमा का कोर्स करने वाले छात्रों को सरकार की ओर से शिक्षा मंत्री के अनुमोदन के पश्चात इंटर साइंस की मान्यता प्रदान की जाती है. इससे हजारों छात्र-छात्राएं अपने सपने पूरे कर सकेंगे. अब तक डिप्लोमा के बाद राज्य के इंजीनियरिंग कॉलेजों में लेटरल इंट्री से बीटेक सेकेंड इयर में दाखिला मिलता था.
डीएसटी के अनुरोध पर सरकार ने दी सहमति
तीन वर्षीय डिप्लोमा को इंटर साइंस के समकक्ष मान्यता देने के लिए विज्ञान एवं प्रावैधिकी विभाग के सचिव ने 28 जून 2022 को शिक्षा विभाग से अनुरोध किया था. इसमें कहा था कि राज्य प्रावैधिकी शिक्षा पर्षद बिहार के सिलेबस के अनुसार तकनीकी शिक्षा डिप्लोमा में अन्य इंजीनियरिंग के विषयों के अतिरिक्त फिजिक्स, केमिस्ट्री, मैथ सहित हिंदी और अंग्रेजी की भी पढ़ाई होती है. बिहार विद्यालय परीक्षा समिति की ओर से भी विज्ञान संकाय के विषय फिजिक्स, केमिस्ट्री, मैथ, हिंदी और अंग्रेजी की पढ़ाई करायी जाती है. ऐसे में दोनों पाठ्यक्रम समकक्ष है.
नामांकन के साथ प्लस टू स्तर की नौकरियों में भी लाभ
सरकार की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया है कि बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने डीएसटी सचिव के अनुरोध पर तीन वर्षीय डिप्लोमा को प्लस के समकक्ष मान्यता देने की अनुशंसा की है. इसके आधार पर विद्यार्थियों को उच्चतर शिक्षा में नामांकन के साथ ही प्लस टू स्तर की नौकरियों में भी लाभ दिया जायेगा. विभागीय अधिसूचना की प्रति संयुक्त सचिव की ओर से बिहार सरकार के सभी विभागों को भेजी गयी है.
डिप्लोमा के बाद बीएससी में भी ले सकेंगे दाखिला
डिप्लोमा होल्डर्स अब राज्य के किसी विश्वविद्यालय से बीएससी या बीए में दाखिला के लिए आवेदन कर सकेंगे. बीआरए बिहार विश्वविद्यालय सहित सभी विश्वविद्यालयों को पत्र भेजकर विभाग ने आवश्यक कार्रवाई का निर्देश दिया है. कहा गया है कि प्लस साइंस के समकक्ष डिप्लोमा को मानते हुए अभ्यर्थी को नियमानुसार नामांकन की सुविधा प्रदान करें.
अधिसूचना के बाद मिली स्टूडेंट्स को बड़ी राहत
राजकीय महिला पॉलिटेक्निक के प्राचार्य डॉ वरुण कुमार राय ने बताया कि तीन वर्षीय डिप्लोमा प्लस टू से उच्च है. लेकिन, सरकार की ओर से स्पष्ट निर्देश नहीं होने के कारण कई विश्वविद्यालय दाखिला नहीं देते थे. अब नोटिफिकेशन के बाद विद्यार्थी जेइइ के माध्यम से आइआइटी व एनआइटी में भी दाखिले के लिए दावेदारी कर सकेंगे.