पटना के पीएमसीएच को विश्वस्तरीय अस्पताल बनाने के लिए चल रहा निर्माण कार्य इन दिनों मरीजों के लिए परेशानी का कारण बन गया है. निर्माण के नाम पर अस्थायी गेट लगाकर मरीजों की आवाजाही बंद कर दी जा रही है. इससे सबसे अधिक परेशानी इमरजेंसी के गंभीर मरीजों को हो रही है. दरअसल, ऑक्सीजन प्लांट के सामने 2500 बेड का नया अस्पताल बन रहा है. बीएमआइसीएल के निर्देश पर निर्माण कार्य करा रही कंपनी ने शिशु व महिला वार्ड के सामने अस्थायी गेट लगा दिया है. इससे एंबुलेंस व अन्य चार पहिया वाहन पर रोक लग गयी है. नतीजतन गंभीर मरीजों को परिजन या तो गोद में या फिर कंधे का सहारा देकर वार्ड तक लेकर जा रहे हैं.
सीटी स्कैन कराने जा रहा बच्चा हुआ गंभीर
बीते 6 फरवरी को गेट लगा कर बड़े वाहनों की आवाजाही पर रोक लगा दी गयी है. मंगलवार को शिशु रोग विभाग में भर्ती एक आठ साल के बच्चे की हालत गंभीर हो गयी. पटना सिटी की रहने वाली मरियम के आठ साल के बच्चे को मस्तिष्क रोग है. उसका इलाज पीएमसीएच में चल रहा है. मंगलवार को डॉक्टरों ने सीटी स्कैन कराने को कहा. गेट बंद होने व वाहन नहीं जाने की वजह से वह अपने बच्चे को गोद में लेकर न्यू इमरजेंसी वार्ड में सीटी स्कैन कराने पहुंची. यही स्थिति अन्य गंभीर मरीजों के साथ देखने को मिली.
पैदल वाले रास्ते में रख दिया लोहे का छड़
वैकल्पिक व्यवस्था के लिए अस्पताल प्रशासन की ओर से पैदल रास्ता छोड़ा गया है. लेकिन उस रास्ते में भी निर्माण करा रही कंपनी ने लोहे का छड़ रख दिया है. ऐसे में पैदल चलना भी मरीज व परिजनों के लिए मुश्किल हो गया है. सबसे अधिक परेशानी मरीजों को अटल पथ से टाटा इमरजेंसी वार्ड, हथुआ वार्ड, महिला, शिशु, गुजरी, आइ व इएनटी वार्ड के मरीजों को हो रही है. जबकि मखनियाकुआं गेट नंबर 2 से राजेंद्र सर्जिकल ब्लॉक, न्यू इमरजेंसी वार्ड में जाने वाले मरीजों को दिक्कत हो रही है. न्यू इमरजेंसी वार्ड में ही सीटी स्कैन व एमआरआइ जांच मशीन है.
क्या कहता है अस्पताल प्रशासन
वहीं दूसरी ओर अस्पताल प्रशासन का कहना है कि निर्माण कर रही कंपनी का कुछ हिस्सा ऑक्सीजन प्लांट के पास पड़ रहा है. निर्माण कार्य की वजह से कंपनी ने बीएमआइसीएल के निर्देश के बाद अस्थायी गेट लगा दिया.