Agriculture News: मौसम में बदलाव से विभिन्न फसलों व फलों में रोग लगने की आशंका बनी रहती है. ऐसे में खासकर आम व लीची किसानों को सचेत रहने की जरूरत है. हालांकि समय पर तापमान में वृद्धि होने के कारण आम व लीची की फसल में मंजर आना शुरू हो गया है. कृषि विभाग ने संभावना जतायी कि आगे भी आम व लीची के लिए मौसम अनुकूल रहने से शत प्रतिशत फसल होगी.
पौधा संरक्षण विभाग के सहायक निदेशक अरविंद कुमार ने बताया कि इस बार मौसम के तापमान में कमी रहने के कारण आम व लीची के पेड़ों में मंजर देरी से आ रहे हैं. हालांकि फरवरी के प्रथम सप्ताह में तापमान अनुकूल हो गया है. आम में मंजर आने लगे हैं.
आम में पहला छिड़काव इस तरह करना चाहिए कि कीटनाशी पेड़ की छाल के दरारों में छुपे मधुआ कीट तक दवा पहुंचे. आम के टिकोले मटर के दाने के बराबर हो जाने पर फिर छिड़काव किया जाना चाहिए. आम के मंजर को कीट से बचाने के लिए डायमेथोइड या मेटासिस्टाक 1.5 एमएल प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव किया जा सकता है. इसके अलावा लमीडाक्लोपरिड 17.8 एसएल को 0.4 एमएल प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव कर सकते हैं.
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हाल के दिनों में बझौरी की बीमारी आम के पेड़ के लिए खतरनाक है. इसमें गुच्छानुमा वायरस बहुत तेजी से फैलती है. इसे पूरी तरह से नष्ट करने के लिए डाल समेत इस गुच्छा को हटाना पड़ता है. उद्यान विभाग के सहायक निदेशक विकास कुमार ने बताया कि हर प्रकार के रोगाणुओं को नष्ट करने के लिए एमिडा क्लोरोफिट एक एमएल दवा में तीन लीटर पानी में मिलाकर स्प्रे कर सकते हैं. साथ ही फंजीसाइड के रूप में कॉपर ऑक्सी क्लोराइड को 1.5 एमएल प्रति लीटर पानी मिलाकर स्प्रे करें.