दरभंगा. उड़ान योजना में सबसे सफलतम एयरपोर्ट में शुमार दरभंगा हवाई अड्डा इस वित्तीय वर्ष में बिहार का इकलौता मुनाफा कमानेवाला एयरपोर्ट बन गया है. संसद में पेश आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार बिहार में दरभंगा हवाई अड्डे ने वित्त वर्ष 2021-22 में 2.10 करोड़ रुपये का लाभ कमाया है, जबकि गया और पटना में राज्य के अन्य दो हवाई अड्डे इसी अवधि के दौरान घाटे में रहे हैं. एयरपोर्ट से संबंधित राजस्थान के राज्यसभा सदस्य नीरज दांगी के एक प्रश्न के उत्तर में केंद्रीय नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री जनरल वीके सिंह ने संसद में पिछले तीन वित्त वर्ष के आंकड़े पेश किये.
संसद में प्रस्तुत आंकड़ों में बताया गया है कि दरभंगा हवाई अड्डे ने वित्तीय वर्ष 2021-22 के दौरान 2.10 करोड़ का लाभ कमाया, जबकि गया हवाई अड्डे को 14.32 करोड़ का नुकसान हुआ है. वहीं राजधानी पटना हवाई अड्डे को इसी अवधि के दौरान 41 लाख का घाटा हुआ है. इस संबंध में दरभंगा में हवाई अड्डे के निदेशक (एपीडी) सत्येंद्र झा ने कहा कि टर्मिनल भवन के और विस्तार पर काम चल रहा है और इस साल 31 अगस्त तक पूरा होने की उम्मीद है. इसके बाद हवाईअड्डे पर मौजूदा पीक-ऑवर यात्री क्षमता को दोगुना कर दिया जायेगा.
मुनाफा देने के बावजूद यहां यात्रियों को सिविल एनक्लेव पर सामान्य सुविधा भी मयस्सर नहीं है. सिविल एनक्लेव में यात्रियों के बैठने के लिए पर्याप्त जगह के साथ कुर्सियों की व्यवस्था तक नहीं है. विमान के इंतजार में यात्रियों को घंटों खड़ा रहना पड़ता है. यात्री समस्याओं को दूर करने के लिए टर्मिनल का विस्तार होना है. कम विजिबिलिटी में निर्बाध उड़ान सेवा संचालित करने के लिए 54 एकड़ जमीन की जरूरत जतायी गयी. इस पर कहा गया था कि फरवरी माह तक जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी कर ली जायेगी. काम की गति को देखते हुए निर्धारित समय तक इसकी संभावना कम दिख रही है.
एयरपोर्ट के विकास के लिए 78 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया जाना है. इसमें से 24 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है. सभी 119 भू-स्वामियों को 28 करोड़ रुपये का भुगतान हो चुका है. शेष 54 एकड़ जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया संतोषजनक स्थिति में नहीं है. 192 किसानों को 40 करोड़ रुपये का भुगतान किया जाना है. बताया जा रहा है कि किसानों को जल्द ही राशि का भुगतान कर दिया जायेगा. इस 54 एकड़ जमीन पर सिविल एनक्लेव बनाया जाना है तथा केट वन लाइट लगायी जानी है. इस संबंध में डीएलओ बालेश्वर प्रसाद कहते हैं कि वित्तीय प्रभार नहीं होने की वजह से भुगतान में विलंब हुआ है. आरटीजीएस के माध्यम से दो से पांच दिनों के भीतर भुगतान कर दिया जायेगा.
एयरपोर्ट को संचालित हुए दो वर्ष से अधिक हो गये. इस बीच दरभंगा एयरपोर्ट ने सफलता के कई रिकार्ड अपने नाम किया. आठ नवंबर 2020 से शुरू सफर सफलता की नित नयी ऊंचाई अपने नाम करता जा रहा है. दरभंगा एयरपोर्ट से रोजाना औसतन 1500 से अधिक हवाई यात्री सफर करते हैं. यहां से प्रतिदिन दिल्ली के लिए दो व मुंबई, बेंगलुरु, कोलकाता एवं हैदराबाद के लिए एक-एक उड़ान सेवा है. रोजाना हर विमान में औसतन 80 प्रतिशत से अधिक यात्रियों की बुकिंग होती है.