बिहार के 70 हजार प्राथमिक-मध्य स्कूलों में 1.18 करोड़ बच्चों को मध्याह्न भोजन स्टील के बर्तन में दिया जायेगा दरअसल शुरुआत से लेकर अभी तक टिन धातु के बर्तनों का उपयोग किया जा रहा है. केंद्रीय अध्ययन में यह बात सामने आयी है कि टिन में भाेजन खाना स्वास्थ्य के लिहाज से उचित नहीं है. लिहाजा स्टील के बर्तन खरीदे जा रहे हैं.
आधिकारिक जानकारी के मुताबिक बिहार में 62700 से अधिक स्कूलों में स्टील बर्तन की खरीददारी शुरू हो चुकी है. शेष स्कूलों के लिए खरीददारी की जा चुकी है. दरअसल आठ जिलों में यह खरीददारी शुरू की जा चुकी है. खरीददारी की टाइम लाइन 31 मार्च तक की निर्धारित है.
आइआइटी पटना के विशेषज्ञों की परामर्श पर सारी व्यवस्थाएं तय की गयी हैं. जानकारी के मुताबिक दस साल बाद मिड डे मील के लिए केंद्र से 109 करोड़ की राशि मिली है. इस राशि में से स्टील के बर्तन खरीदे जा रहे हैं. एक अन्य आधिकारिक जानकारी के मुताबिक मध्याह्न भोजन के संदर्भ में पूरी खरीददारी ऑन लाइन मोड में करने के निर्देश का पूरी तरह पालन किया जा रहा है. इस संबंध में आयी एक रिपोर्ट के मुताबिक मध्याह्न भाेजन सामग्री खरीदी में बिहार पूरे देश में अव्वल रहा है.
बिहार में मध्याह्न भोजन सामग्री खरीदी में एक भी रुपये का भुगतान नकद नहीं किया गया है. 28 फरवरी 2021 से मध्याह्न भोजन के लिए समूची खरीदी ऑन लाइन मोड में करने के लिए कहा गया है. पहले सभी सामग्रियों को खरीदी नकद भुगतान के जरिये होती थी. इसे अब बंद कर दिया गया है.
बिहार में मध्याह्न भोजन के निदेशक सतीश चंद्र झा ने बताया कि स्टील के बर्तनों की खरीददारी शुरू कर दी गयी है. टिन का भोजन स्वास्थ्य के लिहाज से अच्छा नहीं था. लिहाजा नये आदेश के मुताबिक 31 मार्च तक स्टील के बर्तन सभी जिलों में खरीद लिये जायेंगे. बिहार में मध्याह्न भोजन की शतप्रतिशत खरीदी ऑन लाइन मोड में की जा रही है. इसमें बिहार देश में अव्वल है.