कोलकाता. राज्य विधानसभा में बजट सत्र बुधवार को राज्यपाल सीवी आनंद बोस के अभिभाषण के साथ शुरू हुआ. हालांकि बजट सत्र का पहला दिन ही हंगामेदार रहा. राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने अपने अभिभाषण में राज्य सरकार की उपलब्धियां गिनायीं. साथ ही यहां की कानून-व्यवस्था की भी जम कर तारीफ की. इस पर विधानसभा में मुख्य विरोधी दल भाजपा ने जम कर विरोध जताया. सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के कथित भ्रष्टाचार के खिलाफ भाजपा विधायकों के विरोध के बीच राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने बुधवार को पहली बार राज्य विधानसभा को संबोधित किया. भाजपा विधायकों ने ममता बनर्जी सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान सदन से बहिर्गमन किया.
श्री बोस के अभिभाषण शुरू करने के कुछ ही मिनट बाद विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी के नेतृत्व में भाजपा विधायकों ने राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी. उन्होंने राज्यपाल का भी विरोध किया और उन पर राज्य सरकार द्वारा तैयार एक ऐसे भाषण को पढ़ने का आरोप लगाया, जिसका ‘वास्तविकता से कोई संबंध नहीं है.’ भाजपा विधायकों ने अभिभाषण की प्रतियां भी फाड़ कर अपने स्थान पर फेंकने के साथ बाद में राज्यपाल व सत्तापक्ष की तरफ इशारा करते हुए शेम- शेम (धिक्कार) का नारा लगाते हुए अभिभाषण के दौरान ही सदन से बाहर चले गये.
इसके बावजूद राज्यपाल ने अपना अभिभाषण नहीं रोका और करीब 23 मिनट में 19 पन्ने का पूरा अभिभाषण पढ़ा. इस दौरान राज्यपाल ने विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का जिक्र करते हुए राज्य सरकार की कई उपलब्धियां गिनायीं और कहा कि राज्य में सबकुछ ठीक-ठाक है. यहां शांति-व्यवस्था कायम है. संबोधन के बाद राज्यपाल जब सदन से बाहर निकले, तो उस दौरान भी भाजपा विधायकों ने उनके खिलाफ जमकर नारेबाजी की. सदन के बाहर भाजपा विधायकों ने पोस्टर व बैनर लेकर विरोध प्रदर्शन किया.
राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता व भाजपा विधायक शुभेंदु अधिकारी ने राज्यपाल के अभिभाषण के बाद संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए राज्य सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार, देश की सबसे भ्रष्ट सरकारों में से एक है. तृणमूल कांग्रेस के कार्यकाल में हुईं ज्यादातर नियुक्तियां सवालों के घेरे में हैं. नियुक्ति में भ्रष्टाचार की घटनाओं के कारण राज्य के पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी व विधायक माणिक भट्टाचार्य सहित शिक्षा विभाग के कई अधिकारी जेल में हैं. लेकिन आश्चर्य की बात है कि राज्यपाल के अभिभाषण में इसका बिल्कुल भी जिक्र नहीं है. इन्हीं कारणों से हमने बर्हिगमन किया.
श्री अधिकारी ने कहा कि राज्यपाल के भाषण में भ्रष्टाचार के मामलों, तृणमूल कांग्रेस नेताओं की गिरफ्तारी व राज्य में खराब कानून-व्यवस्था को लेकर एक शब्द भी नहीं था. उन्होंने राज्य सरकार पर राज्यपाल को गुमराह करने और अभिभाषण की आड़ में भ्रष्टाचार पर पर्दा डालने की कोशिश का आरोप लगाया. इस बीच, शुभेंदु अधिकारी ने दावा किया कि राज्यपाल राज्य सरकार द्वारा तैयार किया गया भाषण पढ़ रहे थे. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता शुभेंदु अधिकारी ने कहा : राज्यपाल ने सदन में जो कुछ भी कहा है, वह सिर्फ एक परंपरा का हिस्सा है, क्योंकि उन्हें राज्य सरकार द्वारा तैयार भाषण पढ़ना होता है. अभिभाषण के दौरान उन्होंने जो कुछ कहा, उससे हम सहमत नहीं हैं.