Bareilly News: लोकसभा चुनाव 2024 से पहले भारतीय जनता पार्टी (BJP) मजबूत संगठन तैयार करने की कोशिश में जुटी है. इसमें जातीय संतुलन के साथ, मेहनती, ईमानदार और बफादारों की ताजपोशी होगी. भाजपा में एक व्यक्ति, एक पद का सिद्धांत है. इस फार्मूले पर भी काम होगा. मगर, इस फॉर्मूले में यूपी सरकार के तीन मंत्री फिट नहीं बैठ रहे हैं. इनकी संगठन के पदों से विदाई तय मानी जा रही है.
भाजपा के विश्वसनीय सूत्रों की माने, तो योगी आदित्यनाथ सरकार के दूसरे कार्यकाल में ऊर्जा और नगर विकास मंत्री अरविंद शर्मा, सहकारिता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जेपीएस राठौर और परिवहन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर सिंह के पास पहले से ही संगठन में पद हैं. पार्टी के एक व्यक्ति, एक पद के सिद्धांत पर तीनों मंत्रियों की संगठन से विदाई तय है. इसके साथ ही लंबे समय से प्रदेश टीम का हिस्सा रहे कुछ और पदाधिकारी भी भाजपा बदलने जा रही है.
बताया जाता है कि, भाजपा में यह परंपरा रही है कि नए संगठन में 40 फीसदी नए चेहरे हों. इसलिए पुराने चेहरों को हटाकर उनकी जगह नए लोगों को पार्टी जातीय और क्षेत्रीय समीकरण का ख्याल रखकर जिम्मेदारी देगी. भाजपा के सात मोर्चों में से कई के प्रदेश अध्यक्ष बदलने की भी उम्मीद है.
इसमें पिछड़ा वर्ग मोर्चा के अध्यक्ष नरेंद्र कश्यप राज्य सरकार में पिछड़ा वर्ग एवं दिव्यांगजन सशक्तीकरण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) हैं. इसलिए उन्हें मोर्चा के अध्यक्ष पद से हटाया जाना तय माना जा रहा है. युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष प्रांशु दत्त द्विवेदी विधान परिषद सदस्य बन गए हैं. महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष गीता शाक्य राज्य सभा सदस्य हैं. इसलिए उनका प्रमोशन होने की उम्मीद है.
भाजपा अपने क्षेत्रीय संगठन में भी बदलाव करने की तैयारी में है.बताया जाता है कि अवध क्षेत्र का अध्यक्ष पद कई महीनों से खाली है. रजनीकांत माहेश्वरी की जगह ब्रज क्षेत्र के अध्यक्ष पद पर नया चेहरा देखने को मिल सकता है. मगर, रजनीकांत माहेश्वरी का प्रमोशन होना तय है.खासतौर पर मैनपुरी उपचुनाव में हार के बाद यहां बदलाव की उम्मीद अधिक है.
पश्चिमी क्षेत्र के अध्यक्ष मोहित बेनीवाल और पश्चिमी बेल्ट से ही ताल्लुक रखने वाले भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह चौधरी दोनों जाट हैं. उपचुनाव में मुजफ्फरनगर की खतौली सीट हारने के बाद भाजपा सोशल इंजीनियरिंग के लिहाज से पश्चिम क्षेत्र में गुर्जर, या त्यागी बिरादरी से किसी चेहरे को क्षेत्रीय अध्यक्ष पद पर मौका दे सकती है.काशी क्षेत्र के अध्यक्ष पद पर भी बदलाव की चर्चा है.हालांकि,42 जिला, और 31 महानगर अध्यक्ष बदलने की चर्चा पहले से ही है.
भाजपा में प्रदेश और क्षेत्र स्तर पर बदलाव के बाद जिलों और मंडलों में भी सांगठनिक फेरबदल होगा.मगर, इसमें अधकांश जिलाध्यक्ष परिवारवाद, भ्रष्टाचार और पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त रहने की शिकायतों को लेकर हटाने की तैयारी है.लंबे समय से जिलाध्यक्ष की कुर्सी पर डटे रहने वालों का प्रमोशन होने की उम्मीद है.
रिपोर्ट- मुहम्मद साजिद, बरेली