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सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा-2023, क्या हो तीन महीने की रणनीति, जानिए एक्सपर्ट की राय

संघ लोक सेवा आयोग की ओर से आयोजित होनेवाली सिविल सेवा परीक्षा 2023 के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू है. इस बार 1105 पदों पर नियुक्ति होगी, जो पिछले सात सालों में सबसे अधिक है. प्रारंभिक परीक्षा के लिए तीन माह से अधिक समय है. आप अगर प्रशासनिक सेवा में जाना चाहते हैं, तो अभी से अपनी तैयारी को मुकम्मल करे.

II अजय अनुराग II

इस साल सिविल सेवा में रिक्त पदों की संख्या 1105 है, जो वर्ष 2015 के बाद सबसे अधिक रिक्तियां हैं. अतः इस परीक्षा की तैयारी करने वाले युवाओं के लिए यह सपने को साकार करने का एक बड़ा अवसर है. इस साल की प्रारंभिक परीक्षा 28 मई, 2023 को होगी. परीक्षा में लगभग तीन महीने हैं, ऐसे में सफलता के लिए अभ्यर्थियों को एक सटीक स्टडी प्लान बनाकर आगे बढ़ना होगा.

प्रारंभिक परीक्षा सफलता का प्रवेश द्वार

यह त्रि-स्तरीय सिविल सेवा परीक्षा का पहला एवं सबसे महत्वपूर्ण चरण है. प्रारंभिक परीक्षा में 200-200 अंकों के दो प्रश्नपत्र होंगे, जिनकी अवधि दो-दो घंटे की होगी. प्रथम प्रश्नपत्र सामान्य अध्ययन का होगा, जिसमें इतिहास, भूगोल, राज-व्यवस्था, सामान्य विज्ञान, अर्थव्यवस्था, पर्यावरण एवं सामयिक घटनाओं से संबंधित प्रश्न पूछे जायेंगे. प्रत्येक प्रश्न के लिए दो अंक निर्धारित हैं और प्रत्येक गलत उत्तर के लिए 1/3 अंक काटे जायेंगे. दूसरा पेपर सीसैट है. इस पेपर में बोधगम्यता, संचार कौशल सहित अंतर-वैयक्तिक कौशल, तार्किक कौशल एवं विश्लेषणात्मक क्षमता, निर्णयन और समस्या-समाधान, सामान्य मानसिक योग्यता आदि से संबंधित प्रश्न पूछे जायेंगे. यहां उल्लेखनीय है कि प्रारंभिक परीक्षा के अंक मुख्य परीक्षा में नहीं जोड़े जाते, लेकिन इसमें न्यूनतम अंक प्राप्त करना अनिवार्य है.

नये अप्रोच के साथ बढ़ें आगे

प्रारंभिक परीक्षा को पास करने के बाद ही कोई अभ्यर्थी यूपीएससी की मुख्य परीक्षा में शामिल हो सकता है. हाल के वर्षों में देखा गया है कि इस ‘प्रारंभिक बाधा’ को पास करने के लिए मुख्य परीक्षा की तुलना में अधिक मेहनत की जरूरत होती है. पिछले कुछ वर्षों में इसके प्रश्नों की प्रकृति में काफी बदलाव आया है, इसलिए इसकी तैयारी नये अप्रोच के साथ होनी चाहिए. इसके तहत निम्नलिखित बातों का ध्यान रखा जाना आवश्यक है.

  • प्रारंभिक परीक्षा को लेकर एक अच्छी समझ बनाने के लिए पिछले वर्षों, विशेष रूप से 2011 के बाद के प्रश्नपत्रों को ठीक से देखें. इन प्रश्नों को हल करने और उनके विश्लेषण से आप उन अवधारणाओं और संकेतों को समझ सकते हैं, जिनके आधार पर यूपीएससी प्रश्नों को तैयार करता है. इससे तथ्यात्मक ज्ञान के साथ तत्काल निर्णय लेने की क्षमता को भी विकसित किया जा सकता है.

  • प्रारंभिक परीक्षा का स्वरूप यूं तो वस्तुनिष्ठ प्रकार का होता है, लेकिन इसके लिए तथ्य के साथ-साथ अवधारणात्मक समझ जरूरी है. अतः बिना कोई शॉर्टकट अपनाये पूरे सिलेबस की तैयारी करनी चाहिए. सीसैट पेपर के लिए भी यही रणनीति होनी चाहिए. मैथ्स और रीजनिंग आदि के बेसिक्स को एक बार समझ लिया जाये, तो किसी भी तरह के प्रश्न को हल किया जा सकता है.

  • दोनों पेपर के किसी भी टाॅपिक को पढ़ने से पहले उससे पूछे गये प्रश्नों का विश्लेषण भी करें, ताकि यह ज्ञात हो सके कि प्रश्न कहां से और किसी प्रकार से पूछे जाते हैं. चूंकि सामान्य अध्ययन का दायरा काफी बड़ा है, अतः इसकी सीमाओं को समझना आवश्यक है.

  • पुस्तकों का अधिकाधिक संग्रह करने से बचें. हमेशा मानक पुस्तकें ही पढ़ें और सामान्य अध्ययन के लिए एनसीईआरटी की पुस्तकों को सर्वाधिक वरीयता दें. इससे आप मुख्य परीक्षा में भी सहजता महसूस करेंगे. दुर्लभ तथ्यों से अधिक सामान्य तथ्यों पर ध्यान दें, क्योंकि मुश्किल से 10-15 प्रश्न ही दुर्लभ तथ्यों पर आधारित होते हैं.

  • क्या सामान्य अध्ययन के किसी एक या दो खंड को छोड़ा जा सकता है? जवाब ‘न’ है. प्रत्येक खंड पढ़ें, ताकि जिन खंडों में आप कमजोर हैं, वहां से अधिक नहीं, तो 30-35 प्रतिशत प्रश्न हल कर लें.

  • प्रश्नपत्र हल करते समय ऐसे प्रश्न को बिल्कुल न छुएं, जिसका आपको सही उत्तर न आता हो. ध्यान रहे कि इस परीक्षा में नेगेटिव मार्किंग है.

  • ध्यान रखें, जो भी पढ़ें, ठोस पढ़ें अर्थात तथ्यों की बारीकी से अवश्य परिचित रहें, ताकि सही उत्तर चुनते समय मिलते-जुलते विकल्पों से कंफ्यूजन न हो. कुछ छोटे-छोटे संकेतक तय कर लें, जो आपको तथ्यों को याद दिलाने में सहायक हों.

  • सीसैट के पेपर को कभी नजरअंदाज न करें, क्योंकि कई बार इसमें अभ्यर्थी न्यूनतम 33 प्रतिशत अंक भी नहीं ला पाते. ध्यान रहे कि सीसैट सिविल सेवा में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों की सामान्य अभिरुचि एवं अभिवृत्ति की जांच है.

  • एनसीईआरटी पुस्तकों का रिवीजन जरूर करें. प्रारंभिक परीक्षा के लिए कक्षा 6-12 की एनसीईआरटी पाठ्य पुस्तकें सर्वोत्कृष्ट हैं. ये मूलभूत पुस्तकें हैं, जिन पर जानकारी के अन्य स्रोतों का उपयोग किया जा सकता है.

  • प्रारंभिक परीक्षा की तैयारी करते हुए अभ्यर्थी प्रायः अध्ययन पर ही अधिक बल देते हैं और परीक्षा के आखिरी वक्त तक पढ़ते रहते हैं. जबकि सफल होने के लिए अभ्यास बेहद जरूरी है. इससे आप अपने अध्ययन के प्रति आश्वस्त होते हैं और किसी तरह का कोई ‘कन्फ्यूजन’ नहीं रहता है. प्रैक्टिस के लिए विगत वर्षों के प्रश्नों के साथ-साथ किसी स्तरीय प्रैक्टिस बुक की सहायता ली जा सकती है.

  • इस परीक्षा में सबसे अधिक दबाव समय-सीमा को लेकर होता है, क्योंकि आपको 100 प्रश्नों को मात्र 120 मिनट में हल करना है, यानी औसतन प्रत्येक प्रश्न को हल करने के लिए आपके पास मात्र 40 सेकेंड होते हैं. अतः इसका पहले ही खूब अभ्यास कर लें.

  • जो प्रश्न आपको सबसे आसान लगे, उसे एक बार दोबारा जरूर देख लें, क्योंकि यहां गलती होने की संभावना अधिक होती है.

  • अपनी तैयारी को लेकर मन में कोई अफसोस का भाव न रखें कि ये नहीं पढ़ा या वो छूट गया. कोई जरूरी नहीं कि जो नहीं पढ़ा, उसी से प्रश्न आयेंगे.

( लेखक विजडम आइएएस दिल्ली के डायरेक्टर हैं )

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