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झारखंड के नये DGP पर अब तक नहीं लगी मुहर, 3 IPS हैं पैनल में, नीरज सिन्हा के कार्यकाल का है आज अंतिम दिन

झारखंड DGP नीरज सिन्हा के कार्यकाल का आज अंतिम दिन है. डीजीपी नीरज सिन्हा को विदाई देने की तैयारी डोरंडा स्थित जैप-वन में की गयी है. उन्हें विभाग की ओर से परंपरा के अनुरूप विदाई दी जायेगी.

Jharkhand News: डीजीपी नीरज सिन्हा के कार्यकाल का आज 11 फरवरी (शनिवार) को अंतिम दिन है. उम्मीद की जा रही थी कि इनके स्थान पर झारखंड के नये डीजीपी का निर्णय राज्य सरकार के स्तर पर हो जायेगा, लेकिन शुक्रवार देर शाम तक इस पर निर्णय नहीं हो सका. उधर, वर्तमान डीजीपी नीरज सिन्हा को विदाई देने की तैयारी डोरंडा स्थित जैप-वन में की गयी है. शनिवार को उन्हें विभाग की ओर से परंपरा के अनुरूप विदाई दी जायेगी. इसको लेकर शुक्रवार की शाम पुलिस मुख्यालय के अधिकारियों ने डीजीपी को कार्यक्रम का कार्ड भी भेंट किया.

1987 बैच के आइपीएस अधिकारी श्री सिन्हा ने 12 फरवरी 2021 को झारखंड के डीजीपी के तौर पर पदभार ग्रहण किया था. इससे पूर्व अलग झारखंड राज्य बनने पर यह 25 नवंबर 2000 को रांची के पहले एसएसपी बनाये गये थे. इसके अलावा जैप-वन कमांडेंट, एसपी हजारीबाग, एसपी स्पेशल ब्रांच, रेंज डीआइजी हजारीबाग, आइजी एसटीएफ, एडीजी निगरानी, एडीजी स्पेशल ब्रांच सह विशेष सचिव गृह विभाग, एडीजी कम ओएसडी दिल्ली, एडीजी वायरलेस, डीजी वायरलेस, डीजी जैप, डीजी एसीबी के तौर पर इन्होंने राज्य में अपनी सेवा दी. आठ जनवरी 1962 को इनका जन्म साहिबगंज में हुआ था. इन्होंने साहिबगंज के संत जेवियर स्कूल से 1976 में मैट्रिक, 1977 में इन्हें नेशनल साइंस टैलेंट सर्च अवार्ड स्कॉलरशीप मिला.

1978 में इन्होंने पटना साइंस कॉलेज से आइएससी, 1978 में भी इन्हें नेशनल साइंस टैलेंट सर्च अवार्ड स्कॉलरशीप मिला. इन्होंने पुड्डुचेरी के जिपमेर से एमबीबीएस करने के लिए एग्जाम दिया था. इसमें इनका रैंक सबसे ऊपर था. लेकिन इन्होंने मेडिकल की पढ़ाई पूरी नहीं की. 1981 में इन्होंने पटना साइंस कॉलेज से 1981 में बॉटनी आनर्स किया था. इसके बाद जेएनयू से समाजशास्त्र में 1983 में एमए किया. भारतीय पुलिस सेवा में आने के बाद एकीकृत बिहार में एएसपी पीरो, एएसपी पटना, एसपी जहानाबाद, एसपी जमुई, एसपी समस्तीपुर, एसपी आरा, बीएमपी-10 कमांडेंट, एसपी कटिहार, एसपी सीआइडी, एसपी नालंदा रहे. सेवा में रहते हुए माओवादी पोलित ब्यूरो के चार सदस्यों को गिरफ्तार करने में सफलता पायी. इन्हें 2002 में राष्ट्रपति वीरता पदक से नवाजा गया था. झारखंड के डीजीपी रहते बूढ़ा पहाड़, पारसनाथ, झुमरा, कुचाई आदि पर सुरक्षाबलों की फतह में इनका अहम योगदान रहा. डीजीपी श्री सिन्हा लॉ की पढ़ाई भी कर रहे हैं. रिटायर्डमेंट के बाद वे बतौर अधिवक्ता अपनी सेवा दे सकते हैं. ऐसी संभावना है.

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भटनागर, सिंह या पाल्टा हो सकते हैं नये डीजीपी

यूपीएससी के पैनल में तीन आइपीएस अधिकारियों का नाम हैं. इनमें 1989 बैच के आइपीएस अजय भटनागर, अजय कुमार सिंह और 1990 बैच के अनिल पाल्टा का नाम शामिल है. भटनागर फिलवक्त केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर सीबीआइ में संयुक्त निदेशक हैं. वहीं अजय कुमार सिंह एसीबी के डीजी सह चीफ और झारखंड पुलिस हाउसिंग निगम के एमडी हैं. जबकि अनिल पाल्टा डीजी रेल के पद पर कार्यरत हैं.

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