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शाहिद कपूर ने ऐसा क्यों कहा- हमारे यहां के स्टार्स को लेकर भी बननी चाहिए साउथ में फिल्में

बॉलीवुड अभिनेता शाहिद कपूर इन-दिनों अपनी वेब सीरीज फर्जी को लेकर सुर्खियों में है. अब उन्होंने अपनी सीरीज को लेकर कई मजेदार किस्से शेयर किए हैं. उन्होंने कहा, . मुझे भी कहानी बहुत पसंद आयी और सीरीज के हर पात्र को उन्होने बहुत गहराई के साथ पेश किया है.

बॉलीवुड अभिनेता शाहिद कपूर की वेब सीरीज फर्जी इन-दिनों ओटीटी प्लेटफार्म पर स्ट्रीम कर रही है. शाहिद कपूर ने इस वेब सीरीज से ओटीटी पर अपनी शुरूआत की है. एंटरटेनमेंट के इस माध्यम को वह दर्शक के तौर पर हमेशा से पसंद करते हैं, एक्टर के तौर पर भी उन्होंने इसे बहुत एन्जॉय किया, क्योंकि यहां पर किरदार को पूरी गहराई के साथ परफॉर्म करने का मौका मिलता है. उर्मिला कोरी के साथ हुई बातचीत के प्रमुख अंश…

ओटीटी कोविड के बाद एक बड़ा माध्यम बनकर उभरा है, क्या यही वजह थी, जो आपने इस माध्यम को चुना?

सबसे पहले मैं बताना चाहूंगा कि कोविड के पहले ही मैंने तय कर लिया था कि मैं ओटीटी करूंगा. उस वक्त ओटीटी उतना बड़ा नहीं बना था. राज और डीके ने एक फिल्म के लिए कोविड से पहले मुझसे संपर्क किया था. उस वक्त मैंने उनसे पूछा था कि कोई वेबसीरीज नहीं है क्या? मेरे इस सवाल से वे बहुत हैरान हो गए थे, क्योंकि उस वक़्त मेरी फिल्म कबीर सिंह कामयाबी के झंडे गाड़ रही थी. उन्होंने कहा कि आप अभी एक वेब शो क्यों करना चाहते हैं. मैंने बोला मुझे करना है. मैंने उनकी वेब सीरीज फैमिली मैन दो से तीन दिनों में ही देख लिए थी. मुझे वह इतनी पसंद आयी थी. मैं हमेशा से इस स्पेस में आना चाहता था क्योंकि मैं बहुत सारे इंटरनेशनल शो भी देखता हूं. मुझे लगा कि अगर आप ओटीटी पर जाते हैं, तो आप दर्शकों के साथ एक अलग रिश्ता बना सकते हैं. जब आप इसे अपने घर में देखते हैं, तो यह बिल्कुल अलग अनुभव होता है. यह पांच से छह घंटे का लंबा कंटेंट है. कहानी एक लंबे प्रारूप में बताई गई है आप चरित्र के ग्राफ को और अधिक इंटेंस तरीके से परिभाषित कर सकते हैं. इसलिए मैं इसे हमेशा करना चाहता था.

क्या आपके लिए उन्होंने फिल्म की स्क्रिप्ट को वेब सीरीज में बदला?

नहीं यह वह फिल्म नहीं थी, जो उन्होने मुझे ऑफर की थी, लेकिन हां फर्जी की कहानी पर वह फिल्म ही सबसे पहले बनाना चाहते थे, लेकिन फिर राज एंड डीके ने महसूस किया कि वह इस विषय के साथ ढाई घंटे में न्याय नहीं कर पाएंगे तो उन्होंने इसे वेब सीरीज में बदलने का फैसला किया. मुझे भी कहानी बहुत पसंद आयी और सीरीज के हर पात्र को उन्होने बहुत गहराई के साथ पेश किया है.

साउथ स्टार विजय सेतुपति के साथ अनुभव को कैसे परिभाषित करेंगे?

विजय सेतुपति के साथ मेरा कोई साथ में दृश्य नहीं है, क्योंकि हमारी कहानियां समानांतर चलती रहती है. मैंने उनकी फिल्में देखी हैं और मुझे लगता है कि वह एक उम्दा कलाकार हैं. वह हमेशा अलग-अलग भूमिकाएं चुनते हैं और दर्शकों के सामने हर भूमिका में खुद को बहुत अलग तरीके से पेश करते हैं. यह पूरी तरह से मेरा भी स्पेस है और मैं इस वजह से उनसे और जुड़ जाता हूं. मुझे आशा है कि हम एक साथ और अधिक काम करेंगे. वह बहुत सहज भी हैं. सेट पर वह ऑन स्पॉट वह दृश्यों में बहुत कुछ जोड़ जाते हैं.

इस सीरीज में अभिनय के और भी बहुत खास नाम हैं उनके साथ शूटिंग का अनुभव कैसा रहा?

अमोल सर इस शो की आत्मा है. वह बहुत ही कमाल के कोक्टर हैं. के.के.मेनन के साथ काम करना मुझे बहुत पसंद हैं, मेरे पास उनके साथ हैदर करने की यादें हैं. हमारे साथ कुछ प्यारे और गहन दृश्य थे. मैं हमेशा उनके साथ काम करना चाहता हूं. इस शो के दौरान उनके पास डेट्स नहीं थीं. हमने तीन-चार महीने तक केके मेनन की डेट्स का इंतजार किया. राज और डीके और हम सभी अक्सर इस पर चर्चा करते थे कि हमें किसी और अभिनेता के साथ आगे बढ़ जाना चाहिए, लेकिन हर बार हम यह कहते हुए बात खत्म हो जाती थी कि हमें केके मेनन का इंतजार करना चाहिए. इस सीरीज में भी मेरे उनके साथ कुछ सीन हैं, जिनमे मेरे संवाद नहीं हैं. मैं बस उन्हें सुनता हूं और वे मेरे सबसे पसंदीदा दृश्य हैं. मैंने राशि के साथ पहली बार काम किया और मुझे उसके साथ काम करने में बहुत मजा आया. शो में उनका किरदार बहुत अलग है और फिर भुवन है, वह नया है और बहुत से लोग उसे नहीं जानते हैं, लेकिन शो के बाद लोग उसे फिरोज के रूप में पसंद करने लगेंगे. इसकी मुझे पूरी उम्मीद है. ऑफ स्क्रीन भी हमारी बॉन्डिंग बहुत खास बन गयी है.

यह सीरीज नार्थ और साउथ इंडस्ट्री के मेल से बनी है क्या आनेवाले वक्त में ऐसे प्रोजेक्ट्स और बनने चाहिए?

जरूर बनना चाहिए. हिंदी फिल्मों में तो साउथ के सुपरस्टार्स लगातार नजर आ रहे हैं. लेकिन कोई यहां का स्टार वहां की फिल्में करें. ये भी होना चाहिए. क्या वहां के दर्शक इसे स्वीकारते हैं या नहीं. ये देखना दिलचस्प होगा. वैसे मुझे साउथ की हिंदी रिमेक फिल्में ऑफर हुई हैं, लेकिन कभी कोई साउथ की फिल्म नहीं.

वेब सीरीज की शूटिंग लम्बी होती है क्या ऐसे में डेट्स की समस्या भी आती है?

मेरे पास कभी डेट्स की परेशानी नहीं होती है. हां एक वेब शो के लिए और समय चाहिए.हमने लगभग 130 से 140 दिनों में सीरीज की शूटिंग की है. मैंने हर तरह की फिल्में की हैं, जब मैंने हैदर की थी तो हमने 50 दिनों में शूट किया था, पद्मावत को हमने 250 दिनों में शूट किया था, जब वी मेट की शूटिंग 70 दिनों में की थी.हर फिल्म की अलग जरूरत होती है. मुझे इसकी बहुत आदत है. मैं विषय की आवश्यकता के अनुसार काम करता हूं. कई लोग अक्सर मुझसे पूछते हैं कि मैं और क्या कर रहा हूं? मैं कभी नहीं बताता कि मैं आगे क्या कर रहा हूं जब तक कि मुझे यकीन नहीं हो जाता. बीते हुए दो सालों के लिए बहुत कुछ प्लान किया गया था. फिल्में पाइपलाइन में थीं. समय बदल गया और जो पाइपलाइन में था वह अब रिलीज हो रही है. अब जब वे रिलीज हो रही हैं,तो लोग इसे लेकर उत्साहित नहीं हैं. तो आप नई और रोमांचक चीज़ें हैं.कभी-कभी हम चार या पांच प्रोजेक्ट के लिए खुद को कमिट करते हैं और कई बार एक जैसे विषय पर फिल्में बन जाती हैं और आप उसमें फंस जाते हैं.

स्क्रिप्ट का चयन करते हुए आपके लिए सबसे अहम क्या होता है?

मैंने लियोनार्डो डिकैप्रियो का एक कोट्स पढ़ा जिसमें उन्होंने लिखा था कि जब वह पहली बार स्क्रिप्ट पढ़ते हैं और जब उन्हें पता चलता है कि वह कैसे उस किरदार निभाएंगे, तो वह उस स्क्रिप्ट के लिए ना कह देते हैं, क्योंकि इसका मतलब है कि यह किरदार उनके कम्फर्ट जोन में है. जब वह एक स्क्रिप्ट पढ़ते हैं और उन्हें नहीं पता कि चरित्र को कैसे करना है तो वह हाँ कहते है, क्योंकि कुछ ऐसा है जो नया होगा. चाहे वह इसे अच्छा करे या बुरा.

इंडस्ट्री में आपने दो दशक पूरे कर लिए हैं, आपकी सबसे बड़ी सीख क्या रही है?

एक सेल्फ मेड मैन हूं. किसी ने मुझे कोई प्लेटफार्म या गाइडेन्स दिया है और न ही मेरे पास मेंटर रहे हैं. मेरे पिता एक अभिनेता थे, लेकिन मैं उनसे अलग अपनी मां के साथ रहता था. जिस वजह से मेरा फिल्मों से संपर्क सीमित था. मैं बड़ा बेटा हूं, इसलिए जब मैं 16 साल का था, तब मैंने काम करना शुरू किया. मैं कम उम्र से ही बहुत स्वतंत्र रहा हूं.मेरे फैसले हमेशा मेरे अपने रहे हैं. जिस तरह से मैं काम करता हूं उसका कारण यह है कि मैंने अपनी गलतियों से सीखा है. जब आप अपनी उंगलियां जलाते हैं, तो आप सीखते हैं. मैंने भी इसी कठिन तरीके से सीखा है. मैं एक खास तरीके से काम करना चुनता हूं. मैंने सफलता और असफलता दोनों देखी है. मैं यहां 20 साल से हूं. मैंने बहुत से युवा एक्टर्स को देखा है, अगर उनकी दो फिल्में नहीं चलती हैं तो वे थक जाते हैं. वे डिप्रेशन में चले जाते हैं. एक महीने में मेरी तीन फिल्में रिलीज हुई थीं, वो भी बड़ी कोएक्टर्स के साथ, तीनों फ्लॉप हो गयी थी. कबीर सिंह की जबरदस्त कामयाबी के बाद कोविड आ गया, जब मुझे बहुत अच्छा और अलग काम करना था. मैं सभी अलग-अलग फेज से गुजरा हूं. मैंने ये समझा है कि यह मेरे वश में नहीं है. मेरे नियंत्रण में क्या है कि मुझे अच्छा काम करना चाहिए और मुझे स्क्रिप्ट के मामले में बेहतर विकल्प चुनना चाहिए. कई बार पेपर पर स्क्रिप्ट अच्छी होती है, लेकिन वह परदे पर नहीं आ पाती है इसलिए मैं सिर्फ अपने काम का आनंद लेता हूं और सौ प्रतिशत देता हूं.

क्या आप आलोचना पर भी ध्यान देते हैं,कोई खास आलोचना जिस पर आपने काम किया ?

मेरे दोस्त खुलेआम मेरी आलोचना करते हैं और यह मेरे कैरियर के शुरूआती दिनों से है. मैं पहले इसे पसंद नहीं करता था, लेकिन जैसे-जैसे आप अपने काम को अधिक सहज और अधिक आत्मविश्वासी होते जाते हैं आप आलोचना को बेहतर ढंग से स्वीकार करने में सक्षम होते हैं. आलोचनाओं पर काम करने की जरूरत होती है, आपको टूटना नहीं होता है. मेरी एक दोस्त है, जिसने मेरे कैरियर के शुरूआती दौर की फिल्मों को देखकर कहा था कि ऐसा लगता है कि तुम कोई प्रेशर में हो, सहज लगते ही नहीं हो, कई फिल्मों के बाद उसने मुझे कहा कि अब तुम सहज लग रहे हो.(हंसते हुए )अब तो सोशल मीडिया आने के बाद आपको आलोचना हर पोस्ट पर मिल जाती है.

क्या आपकी पत्नी मीरा आपके काम की आलोचना करती है?

हम दोस्त हैं और एक-दूसरे के साथ बहुत क्लियर है. कुछ भी छिपाते नहीं हैं. मेरे सबसे बड़े आलोचक मीरा और मेरा छोटा भाई ईशान हैं. उन्होंने मुझे कभी नहीं बख्शा है. मैं हमेशा उनसे कहता हूं कि मैं आपसे उम्र में बड़ा हूं, लेकिन अगर मैं कोई गलती कर देता हूं, फिर चाहे मेरी एक्टिंग में ही कोई खामी क्यों ना हो, तो वह फिर मेरी भर -भरकर आलोचना करने से पीछे नहीं रहते हैं.

फिल्मों की बात करें तो पठान की कमाई को कितना खास करार देंगे क्या साउथ इंडस्ट्री के बॉलीवुड को जो ओवरटेक करने की बात हो रही थी, वो अब खत्म हो जाएगी?

पांच साल पहले कोई साउथ की फिल्मों की बात नहीं करता था. क्या तब वहां अच्छी फिल्में नहीं बन रही थीं? तो अब क्यों हो रही है.परेशानी ये है कि गुणवत्ता वाली फिल्मों की बात कोई नहीं करता. मैंने अच्छी फिल्में की हैं, जिनका बॉक्स ऑफिस रिकॉर्ड अच्छा नहीं रहा, लेकिन उन फिल्मों पर खूब चर्चा हुई. लेकिन पिछले दो साल से लोग सिर्फ बॉक्स ऑफिस नंबर्स पर ही चर्चा कर रहे हैं. कृपया अच्छी फिल्मों की भी सराहना करें. जो टिकट खिड़की पर भले ही ना चली हो. जैसे कि सफल होने वाली हर फिल्म अच्छी होती है. इसमें खामियां हो सकती हैं,लेकिन फिर भी आप इसकी सराहना करते हैं.हमें यह समझना होगा कि गुणात्मक क्या है, इसकी सराहना की जानी चाहिए. अभी हम केवल सफलता की बात कर रहे हैं और लोग नंबरों के पीछे भाग रहे हैं. पहले लोग कमेंट करते थे कि यह अच्छी फिल्म है या बुरी फिल्म है. इन दिनों वे पूछते हैं कि कितने करोड़, यह बहुत दबाव बनाता है. लोग केवल नंबर्स के पीछे भाग रहे हैं, यह इतना निराशाजनक है. यदि आप सफलता पाना चाहते हैं, तो आप सफलता का पीछा नहीं कर सकते. उत्कृष्टता का पीछा करें और उससे सफलता आपको मिल जाएगी. हमें ये बात समझनी होगी.

शाहिद आपके लिए उम्र एक नंबर है,आप खुद को कैसे मेंटेन करते हैं?

मैं मेडिडेट करता हूं, मैं शाकाहारी हूं और मैं सिगरेट या शराब नहीं पीता. मुझे समय पर सोना पसंद है. अपने इस स्वभाव की वजह से मुझे अतीत मेरे दोस्त मुझे बहुत बोरिंग कहते थे. हमेशा मेरी खिंचाई करते थे कि मैं बोरिंग हूं, लेकिन अब मैं उन्हें बताता हूं कि मैं तुमसे बेहतर हूं क्योंकि मेरी लाइफस्टाइल बोरिंग थी.

आनेवाली फिल्में कौन सी हैं?

अली अब्बास जफर की फिल्म आ रही है और मैं कृति सेनन के साथ एक फिल्म कर रहा हूं, जिसे मैडॉक फिल्म्स द्वारा निर्मित किया जा रहा है

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