Jharkhand News: राजधानी रांची के सिरमटोली से मेकॉन तक बन रहे फ्लाईओवर में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को भ्रष्टाचार की बू आने लगी है. झारखंड प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सह राज्यसभा सांसद दीपक प्रकाश ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को चिट्ठी लिखकर इसकी विस्तृत जांच कराने और भ्रष्टाचार पर रोक लगाने की मांग की है. उन्होंने फ्लाईओवर के निर्माण में भ्रष्टाचार की आशंका जतायी है.
दीपक प्रकाश ने कहा है कि रांची में फ्लाईओवर का निर्माण हो रहा है. विकास के काम हो रहे हैं. यह खुशी की बात है, लेकिन इसमें जो भ्रष्टाचार हो रहा है, वह झारखंड जैसे गरीब राज्य के लिए ठीक नहीं है. श्री प्रकाश ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को बताया है कि पथ निर्माण विभाग ने एक खास कंपनी को फ्लाईओवर बनाने का काम दिया है. उन्हें विश्वस्त सूत्रों से जानकारी मिली है कि कंपनी को यह ठेका शिड्यूल रेट से 25 प्रतिशत की अधिक दर पर दी गयी है.
राज्यसभा सांसद ने अपने पत्र में कहा है कि नियमतः शिड्यूल रेट से लगभग 10 प्रतिशत तक का काम देने का अधिकार अभियंता प्रमुख को है. 10 प्रतिशत शिडयूल दर से ज्यादा रेट पर ठेका देने के लिए कैबिनेट की स्वीकृति की जरूरत होती है. लेकिन, एक खास कंपनी को लाभ पहुंचाने के लिए आपने कैबिनेट की बैठक की और कंपनी को शिडयूल रेट से 25 प्रतिशत से अधिक रेट पर काम देने की स्वीकृति प्रदान कर दी.
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झारखंड के राज्यसभा सांसद ने कहा है कि रांची में ही रातु रोड में फ्लाईओवर निर्माण का भारत सरकार के नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) के द्वारा करवाया जा रहा है. किसी कंपनी को शिडयूल रेट से 18 प्रतिशत कम दर पर काम दिया गया है. कहा कि जो स्थिति है, उससे इस काम में प्रथमदृष्टया भ्रष्टाचार प्रतीत हो रहा है. मुझे लगता है कि इसकी विस्तृत जांच होनी चाहिए.
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आखिर किन परिस्थितियों की वजह से कंपनी को शेडयूल रेट से ज्यादा दर पर काम दिया गया?
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क्या कारण है कि दोनों फ्लाईओवर के निर्माण कार्य के राशि आवंटन में इतना फर्क है?
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अगर ज्यादा रेट पर काम देना ही था, तो फिर से री-टेंडर क्यों नहीं हुआ, जिसमें दूसरी कंपनियां भी भाग ले सकतीं थीं. एक खास कंपनी पर सरकार की विशेष कृपा क्यों?
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