लोकसभा में गोड्डा सांसद डॉ निशिकांत दुबे ने संथाल परगना में एनआरसी लागू करने की मांग उठायी. सांसद डॉ दुबे ने कहा कि संथाल परगना में संथालों की आबादी वर्ष 1911 में 36 फीसदी थी, लेकिन बांग्लादेशी घुसपैठियाें के कारण 2011 में यह आबादी 25 फीसदी हो गयी व 2022 में 23 फीसदी हो गयी. इसके कारण लोकसभा की एक एसटी व विधानसभा की तीन एसटी सीट गयी. बांग्लादेशी घुसपैठिये आदिवासी महिलाओं के साथ यौन शोषण कर रहे हैं व उनके साथ शादी करने की वजह से आदिवासियों के आचार, विचार व व्यवहार में बदलाव आ रहे हैं. केंद्र सरकार से मांग है कि संथाल परगना में एनआरसी लागू किया जाये, ताकि यह पता चले कि वास्तविक्ता क्या है. सांसद ने कहा कि जो बच्चे धर्मांतरण कर मुसलमान हो जाते हैं उन्हें एसपीटी एक्ट की सुविधा नहीं दी जाये. साथ ही धर्मांतरण के बाद आदिवासी के रूप में केंद्र व राज्य से मिलनेवाली सुविधाओं को समाप्त कर दिया जाये.
सदन में सांसद डॉ दुबे ने कहा कि पीएम मोदी व रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव अब केवल मैट्रो सिटी नहीं, बल्कि पिछले इलाके में रेल सुविधा पहुंचा रहे हैं. इसका सबसे बड़ा उदाहरण गोड्डा है, जहां नयी रेललाइन बिछायी गया व रेल कनेक्टिविटी बढ़ी है. पीएम गति शक्ति योजना से पिछड़े इलाके में गरीबों को सुविधा देने के लिए रेलवे अपने फंड से लाइन बिछा रही है. इस बजट में भी गोड्डा संसदीय क्षेत्र को 1451 करोड़ रुपये मिले हैं. सांसद डॉ दुबे ने कहा कि दुनिया के कई देश पर्यटन से आगे बढ़े हैं. बिहार व झारखंड में कई ऐसे दर्शनीय, ऐतिहासक, धार्मिक व पर्यटक स्थल हैं, जहां कनेक्टिविटी की सुविधा डेवलप करने की जरूरत है.
साहिबगंज में 190 करोड़ वर्ष पुराना फॉसिल्स है, इसे देखने के लिए देश-विदेश के छात्र आ सकते हैं. साहिबगंज स्टेशन को डेवलप किया जा सकता है. देवघर में इन दिनों वैष्णो देवी, तिरुपति व शिरडी से भी अधिक संख्या में भक्त पहुंच रहे हैं, लेकिन जसीडीह स्टेशन में रेलवे द्वारा 70 करोड़ रुपये की जमीन अधिग्रहण की राशि दिये जाने के बाद भी राज्य सरकार सहयोग नहीं कर रही है. महात्मा गांधी, रविंद्रनाथ टैगोर व डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी से जुड़े मधुपुर स्टेशन, जसीडीह समेत तारापीठ, पारसनाथ, बासुकीनाथ, मंदार हिल व विक्रमशिला स्टेशन जैसे पर्यटन, धार्मिक, संस्कृति व सभ्यता से जुड़े स्टेशनों का डेवलप करने से श्रद्धालु व पर्यटकों की संभावना बढ़ेगी.