बरेली में नगर निगम की टीम ने मंगलवार को शहर के प्रमुख मार्गों से अतिक्रमण हटाया. दुकानदारों ने टीम का विरोध किया, लेकिन वह नहीं माने. इसको लेकर काफी कहासुनी हुई है.
बरेली नगर निगम का अतिक्रमण अभियान मंगलवार को अक्षर विहार तालाब रोड से शुरू हुआ. यहां के फड़ दुकानदारों ने टीम की कार्रवाई का विरोध किया, लेकिन टीम ने एक न सुनी.
कैंट के बलवंत सिंह मार्ग पर टीम पहुंची. इस रोड की झोपड़ी को तोड़ दिया. इसके साथ ही कुछ खोखों को कब्जे में लेकर जेसीबी से उठबाकर नगर निगम भेज दिया.
झोपड़ी तोड़ने पर लोगों ने विरोध किया. लेकिन टीम ने एक न सुनी. इसके बाद सिविल लाइंस की सड़कों से टीम ने अतिक्रमण हटाया. इसका विरोध भी हुआ. मगर, टीम ने विरोध करने वालों को दौड़ा लिया.
दुकानदारों ने टीम पर समय न देने का भी आरोप लगाया है. शहर के हेड पोस्ट आफिस से शुरू अभियान कोठी वियाबानी, 300 बेड हॉस्पिटल होकर मालियों की पुलिया वाले रोड से सेटेलाइट तक चला.
टीम ने तमाम दुकानदारों का सामान जब्त कर लिया है. इसके साथ ही टीम के साथ चलने वाले सुरक्षा कर्मियों को भी बल प्रयोग करना पड़ा.
बता दें कि कानपुर देहात के रूरा थाना क्षेत्र के मडौली गांव में सरकारी जमीन से झोपड़ी हटाने के विरोध में एक मां बेटी की आग से जलकर मौत हो गई. इससे काफी उबाल है. पीड़ित परिवार की तरफ से एसडीएम मैथा, कानूनगो, एसओ, जेसीबी चालक, 15 पुलिसकर्मी समेत तमाम लोगों के खिलाफ झोपड़ी में आग लगाकर मां और बहन की हत्या करने की एफआईआर दर्ज कराई है.