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बच्चों को रूबेला-खसरा का टीका लगाने में कोलकाता और हावड़ा पिछड़े, जानिए कौन है सबसे आगे

बच्चों का रूबेला-खसरा वैक्सीनेशन करने के मामले में कोलकाता और हावड़ा पिछड़ गए हैं. इस मामले में ग्रामीण इलाके आगे चल रहे हैं.

कोलकाता. बच्चों को रूबेला और खसरा का टीका लगाने के मामले में कोलकाता पिछड़ गया है. हावड़ा में भी कम बच्चों को टीका लगा है. शहरों की अपेक्षा ग्रामीण क्षेत्रों का प्रदर्शन बेहतर रहा है. नौनिहालों को रूबेला और खसरा से बचाने के लिए नौ जनवरी से 11 फरवरी तक टीकाकरण अभियान चलाया गया. पर, इस अभियान में शहरी क्षेत्रों की तुलना में ग्रामीण इलाकों का प्रदर्शन काफी बेहतर है. सिलीगुड़ी और पश्चिम बर्दवान जिले के आसनसोल व दुर्गापूर में 90 फीसदी से कम बच्चों को टीका लगा है. ऐसे में इन जिलों के लिए टीकाकरण अभियान को 21 फरवरी तक जारी रखा जायेगा. राज्य स्वास्थ्य विभाग से यह निर्णय लिया गया है. इस दौरान उत्तर 24 परगना व दक्षिण 24 परगना में भी बच्चों को टीका लगाया जायेगा.

9 माह से 15 वर्ष के उम्र के बच्चों को लगाया जा रहा है टीका

गौरतलब है कि नौ माह से 15 वर्ष की उम्र तक के बच्चों को यह टीका लगाया जा रहा है. राज्य स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, कोलकाता समेत कुछ जिलों में 80 फीसदी बच्चों को ही रूबेला और खसरा का टीका लगा है. राज्य में 2.33 करोड़ बच्चों को टीका लगाने का लक्ष्य है. कोलकाता में 10 लाख बच्चों को टीका लगाया जायेगा. स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों के अनुसार, जिन जिलों में कम टीका लगा है, वहां के निजी स्कूल टीकाकरण अभियान में सहयोग नहीं कर रहे हैं. निजी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावक अपने बच्चों को यह टीका नहीं लगवाना चाह रहे हैं. जिस कारण यह स्थिति बनी है.

कोलकाता में 73 फीसदी बच्चों को लगा टीका

कोलकाता में अब तक 73 फीसदी बच्चों को ही खसरा व रूबेला का टीका लगा है. कोलकाता नगर निगम के मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी डॉ सुब्रत रायचौधरी ने बताया कि 21 फरवरी तक हम 75 फीसदी से अधिक बच्चों को वैक्सीनेट कर लेंगे. उन्होंने बताया कि, कोलकाता के सभी स्वास्थ्य केंद्रों में यह टीका उपलब्ध है. हम स्कूलों में कैंप लगा कर भी बच्चों को टीका लगा रहे हैं. पर कुछ निजी स्कूल सहयोग नहीं कर रहे हैं.

ग्रामीण क्षेत्र टीकाकरण में रहा आगे

हावड़ा के मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी निताई चंद्र मंडल ने बताया कि हावड़ा ग्रामीण क्षेत्र की तुलान में हावड़ा शहर में वैक्सीनेशन कम हुआ है. पूरे जिले में सोमवार तक 87 फीसदी बच्चों को टीका लग चुका है. उन्होंने बताया कि 21 फरवरी तक 90 फीसदी से अधिक बच्चों को वैक्सीनेट कर दिया जायेगा. बताया कि हावड़ा शहरी क्षेत्र में कुछ निजी स्कूल हैं जो सहयोग नहीं कर रहे हैं. हम यहां पढ़ने वाले बच्चों को टीका नहीं लगा पा रहे हैं.

रूबेला खसरा टीकाकरण के मामले में शहरी क्षेत्र की तुलना में ग्रामीण इलाकों की स्थिति बेहतर हैं. राज्य स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, पूर्व व पश्चिम मिदनापुर में 99 फीसदी बच्चों को रूबेला-खसरा का टीका लग चुका है. इसके अलावा मुर्शिदाबाद जिले में 95 फीसदी बच्चों का वैक्सीनेशन हो चुका है. पश्चिम बर्दवान जिले के मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी डॉ एफएम यूनुस ने बताया कि आसनसोल-दुर्गापुर में 94 फीसदी बच्चों का टीकाकरण हो चुका है.

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