Aero India 2023: केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को कहा कि एयरो इंडिया 2023 ने दिखा दिया है, भारतीय रक्षा क्षेत्र शीर्ष वैश्विक रक्षा कंपनियों के साथ आगे बढ़ने के लिए तैयार है. राजनाथ सिंह ने कहा कि एयरो इंडिया के दौरान हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन एवं प्रौद्योगिकी हस्तांतरण समझौते भारत में रक्षा विनिर्माण के लिए नयी शुरुआत में मदद करेंगे.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि घरेलू विनिर्माताओं से रक्षा उपकरणों की खरीद 2023-24 के कुल पूंजीगत व्यय के 75 प्रतिशत तक बढ़ाई गई. उन्होंने कहा कि घरेलू कंपनियों से रक्षा उपकरण खरीदने के लिए पूंजीगत व्यय के 75 प्रतिशत आवंटन से लगभग एक लाख करोड़ रुपये प्राप्त होंगे. रक्षा मंत्री ने कहा कि घरेलू कंपनियों से खरीद के लिए रक्षा पूंजीगत व्यय का तीन-चौथाई आवंटन आत्मनिर्भरता की ओर एक कदम है. उन्होंने कहा कि भारतीय रक्षा उद्योग की मजबूती की एक नई राह प्रशस्त हो रही है. यह एक नई शुरुआत है, भारतीय रक्षा क्षेत्र की आत्मनिर्भरता के एक नए युग की, जिसमें यह क्षेत्र एक नई ऊर्जा, नए संकल्प और नए उत्साह के साथ अपनी प्रगति की राह पर दौड़ता हुआ आगे बढ़ रहा है.
Bengaluru | Aero-India showed the whole world, that the new India’s Defence sector has not only become capable & enriched continuously but is fully prepared to keep pace with the defence sector of the leading countries globally: Rajnath Singh, Defence Minister pic.twitter.com/TnFS9eQ87k
— ANI (@ANI) February 15, 2023
इससे पहले, एयरो इंडिया 2023 में मंगलवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने विभिन्न देशों के रक्षा मंत्रियों के सम्मेलन की अध्यक्षता की. इस दौरान उन्होंने आतंकवाद और गंभीर सुरक्षा चुनौतियों का सामना करने के लिए सभी देशों को एकजुट होने का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि भारत सहायता की जरूरत वाले देशों को उपदेश या पूर्व निर्धारित समाधान देने में विश्वास नहीं रखता है. भारत अपने सहयोगी देशों की क्षमता निर्माण का समर्थन करता है, ताकि वे खुद अपनी नियति तय कर सकें.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि विकास और समृद्धि के लिए सामूहिक सुरक्षा आवश्यक है. उन्होंने जोर देकर कहा कि आतंकवाद, अवैध हथियारों का व्यापार, मादक पदार्थों की तस्करी और मानव तस्करी जैसे मुद्दे पूरी दुनिया की सुरक्षा के लिए खतरा है. राजनाथ सिंह ने स्पष्ट किया कि एक-दूसरे से जुड़ी और नेटवर्क आधारित दुनिया में किसी भी तरह के टकराव और उपद्रव से कोई भी देश अछूता नहीं रह सकता. उन्होंने कहा कि भारत ने हमेशा दुनियाभर से नए विचारों का स्वागत किया है.