राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग सरकारी जमीन के मामलों में सरकार का पक्ष रखने में लापरवाही बरतने वाले अंचल अधिकारियों पर कठोर कार्रवाई करने के मूड में है. सभी डीएम को उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई करने के लिए आदेश दिये जा रहे हैं. राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के सचिव सह निदेशक भू-अभिलेख और परिमाप जय सिंह ने मंगलवार को बंदोबस्त पदाधिकारियों की मासिक बैठक में यह आदेश दिये .
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सचिव ने भूमि सर्वेक्षण का कार्य संतोषजनक नहीं पाये जाने पर जमुई और जहानाबाद के बंदोबस्त पदाधिकारी का वेतन रोक दिया गया है. कारण बताओ नोटिस किया गया है. नालंदा, सहरसा, पूर्णिया, किशनगंज, कटिहार, खगड़िया, जमुई, जहानाबाद और लखीसराय के सभी सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी मुख्यालय का वेतन रोका गया है. नोटिस का जवाब संतोषजनक नहीं होने पर विभागीय कार्रवाई की जायेगी. बिहार में फिलहाल 20 जिलों के 89 अंचलों के 208 शिविरों के 4887 मौजों में भूमि सर्वे का काम चल रहा है. इनमें से 1311 मौजों में एलपीएम और प्रपत्र-7 का वितरण कर दिया गया है. 800 से अधिक मौजों में गांव का प्रारूप खतियान और नक्शा भी प्रकाशित कर दिया गया है.
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सर्वे भवन में 20 जिलों के भूमि सर्वे से संबंधित बंदोबस्त कार्यों की मासिक समीक्षा बैठक में सचिव को बताया गया कि सुयोग्य श्रेणी के उम्मीदवारों के बीच सरकारी जमीन की बंदोबस्ती भी बड़े पैमाने पर की गयी है. यह जमीन हस्तांतरणीय नहीं होती है, किन्तु ऐसी अहस्तांतरणीय जमीन के बड़े पैमाने पर रैयतों द्वारा बेचने और उनका दाखिल-खारिज होने की शिकायत है. इसके अलावा बंदोबस्त रकबा से अधिक रकबा पर रैयतों ने कब्जा कर लिया है. बिना वैध प्रक्रिया के सरकारी जमीन पर कब्जा करने की भी शिकायतें हैं.