पटना के कंकड़बाग स्थित जयप्रभा मेदांता हॉस्पिटल में भर्ती एक मरीज की बुधवार सुबह में मौत हो गयी. इसके बाद अस्पताल ने करीब 26 लाख रुपये का बिल थमा दिया. इससे परिजन आक्रोशित हो उठे. उन्होंने अस्पताल पर इलाज में लापरवाही व अधिक बिल वसूलने का आरोप लगाते हुए देर तक हंगामा किया. परिजनों का कहना है कि बिल का भुगतान नहीं करने पर अस्पताल प्रबंधक ने शव को कब्जे में रखने की बात कही. यहां तक कि परिजनों ने स्थानीय पुलिस प्रशासन को फोन किया, लेकिन हॉस्पिटल के नाम पर पुलिस भी नहीं पहुंची.
क्या था पूरा मामला
नवादा जिले के रहने वाले 31 वर्षीय विक्रम कुमार पेशे से बैंक कर्मचारी हैं. वह यूपी के सुल्तानपुर जिले में ग्रामीण बैंक में कैशियर थे. मृतक के चचेरे भाई महेश कुमार ने बताया कि पेट में दर्द होने के बाद उनको यहां लाया गया. 13 जनवरी की रात वह अस्पताल में भर्ती हुए. डॉक्टर ने बड़ी व छोटी आंत खराब होने की बात कही. इस दौरान उनका तीन बार ऑपरेशन भी किया गया. लेकिन, करीब एक महीने तक भर्ती के बाद उनकी बुधवार को मौत हो गयी. मौत के बाद 26 लाख रुपये का बिल थमाया गया. हालांकि, 11.5 लाख रुपये दे दिये गये हैं. इसके बावजूद हॉस्पिटल प्रबंधक बाकी रुपये जमा कराने की बात कह शव को कब्जे में रखा.
अस्पताल ने कहा- गंभीर था मरीज, बीमा के नाम पर झूठ बोल कराया गया था भर्त
मेदांता हॉस्पिटल के मेडिकल डायरेक्टर डॉ रविशंकर सिंह का कहना है कि परिजन जो भी आरोप लगा रहे हैं, वे पूरी तरह से गलत हैं. मरीज को गंभीर हालत में अस्पताल लाया गया था. इतना ही नहीं, परिजनों ने इंश्योरेंस के नाम पर झूठ बोलकर मरीज को भर्ती कराया था. परिजनों ने मरीज को भर्ती कराने से पहले 20 लाख रुपये इंश्योरेंस होने की बात कही गयी थी. लेकिन जब इस इंश्योरेंस की जांच की गयी, तो मात्र दो लाख रुपये निकला.