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मोहन भागवत ब्रज प्रांत के प्रचारकों से करेंगे गुफ्तगू, आज रात पहुंचेंगे बरेली, जानें कितना बड़ा है संघ परिवार

आरएसएस के सरसंघचालक मोहन भागवत 16 फरवरी की रात को बरेली पहुंचेंगे. अपने चार दिवसीय कार्यक्रम के दौरान वह ब्रज प्रांत के प्रचारों के साथ संवाद कर क्षेत्र की नब्ज टटोलेंगे. इसके साथ ही आगे के कार्यक्रमों को लेकर चर्चा होगी. बैठक में संघ के प्रमुख पदाधिकारी भी शामिल होंगे.

Bareilly: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) 2025 में अपने 100 वर्ष का सफर पूरा कर रहा है. इस वजह से शताब्दी वर्ष में जगह-जगह संघ शाखाओं द्वारा कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं. बरेली में सरसंघचालक मोहन भागवत 16 फरवरी को आ रहे हैं. उनके कार्यक्रम को लेकर प्रशासन पुलिस के अफसरों ने तैयारियों को अंतिम रूप दिया. संघ प्रमुख के आगमन को लेकर सुरक्षा के चाक-चौबंद इंतजाम किए गए हैं.

सुरक्षा के कड़े प्रबंध, सेफहाउस बनाने के साथ खुफिया तंत्र सक्रिय

सुरक्षा चक्र बनाने के साथ ही सेफहाउस भी बनाया गया है. इसके साथ ही खुफिया तंत्र भी सक्रिय है. सरसंघचालक मोहन भागवत 16 फरवरी को दोपहर 3.30 बजे विमान से नागपुर से रवाना होंगे. वह शाम 6 बजे लखनऊ एयरपोर्ट पहुंचेंगे. इसके बाद शाम 6.45 बजे से लखनऊ जंक्शन से बरेली के लिए ट्रेन से रवाना होंगे. बरेली जंक्शन पर रात 10.45 बजे आने के बाद सड़क मार्ग से जीआरएम स्कूल पहुंचेंगे. 17 और 18 फरवरी को जीआरएम स्कूल में विभाग, प्रांत और ब्रज क्षेत्र प्रचारकों के साथ बैठक करेंगे.

स्वयंसेवकों के परिजनों से करेंगे मुलाकात

सरसंघचालक मोहन भागवत 19 फरवरी की सुबह 10 बजे एमजेपी रुहेलखंड यूनिवर्सिटी के अटल ऑडिटोरियम में स्वयंसेवकों के परिजनों से मुलाकात करेंगे.इसके बाद दोपहर एक बजे वापस जीआरएम स्कूल पहुंचेंगे. वह 20 फरवरी को बरेली से लखनऊ एयरपोर्ट के लिए रवाना होंगे. इसके बाद नागपुर को रवाना हो जाएंगे.

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जानें कितना बड़ा है संघ परिवार

आरएसएस की स्थापना 1925 में हुई थी. इसके बाद संघ देश के 95 फीसद जिलों में पहुंच चुका है. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की शीर्ष निर्णय करने वाली संस्था अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की मार्च की वार्षिक बैठक में प्रस्तुत वार्षिक रिपोर्ट के मुताबिक देश में 38,390 स्थानों पर 60,929 शाखाएं फैली हुई हैं.

आरएसएस के स्वयंसेवकों ने अपने नेटवर्क को दोगुना करने की तैयारी शुरू कर दी है, जो देश भर में उनके पदचिह्न का विस्तार करने के लिए जिम्मेदार होंगे. बता दें कि आरएसएस में लगभग 3,000 प्रचारक या पूर्णकालिक कार्यकर्ता हैं, जिन्हें शिक्षा, श्रमिक संघों और आदिवासी क्षेत्रों जैसे फील्ड में काम करने वाले आरएसएस की कई शाखाओं के भीतर कई जिम्मेदारियां दी गई हैं.

रिपोर्ट मुहम्मद साजिद बरेली

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