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बीरभूम के अस्पतालों में अब नहीं होगी ऑक्सीजन की किल्लत, प्राइवेट कंपनी ने लगाया प्लांट

निजी अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी बनी रहती है. इस वजह से मरीजों के परिजनों को कई बार काफी पैसा खर्च करना पड़ता है. कई बार पैसे खर्च करने के बावजूद ऑक्सीजन की व्यवस्था नहीं हो पाती है. जिले से राष्ट्रीय राजमार्ग गुजरता है. इसलिए बड़ी दुर्घटना होने पर ऑक्सीजन की मांग बढ़ जाती है.

बीरभूम, मुकेश तिवारी. कोरोना के समय जिस तरह से ऑक्सीजन के लिए हाहाकार मचा था, बंगाल के बीरभूम जिला में अब वैसी नौबत नहीं आयेगी. बीरभूम जिले में एक निजी कंपनी ने ऑक्सीजन प्लांट लगाया है. बीरभूम जिले में काफी संख्या में सरकारी और निजी अस्पताल हैं. इन अस्पतालों में कई बार ऑक्सीजन की किल्लत हो जाती है, जिससे मरीजों की मौत हो जाती है.

सिर्फ सरकारी अस्पताल में है ऑक्सीजन प्लांट

आधिकारिक तौर पर, जिले के तीनों अनुमंडलों – बोलपुर, सिउड़ी और रामपुरहाट में बड़े सरकारी यानी मेडिकल कॉलेज अस्पताल हैं. रामपुरहाट में रामपुरहाट मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल है. रामपुरहाट मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल और सिउड़ी सदर अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट हैं. इन सरकारी अस्पतालों के ऑक्सीजन प्लांट से सिर्फ सरकारी अस्पतालों को ही ऑक्सीजन की आपूर्ति की जाती है.

बड़ी दुर्घटना के बाद बढ़ जाती है ऑक्सीजन की मांग

काफी संख्या में प्राइवेट नर्सिंग हॉस्पिटल भी हैं. इन निजी अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी बनी रहती है. इस वजह से मरीजों के परिजनों को कई बार काफी पैसा खर्च करना पड़ता है. कई बार पैसे खर्च करने के बावजूद ऑक्सीजन की व्यवस्था नहीं हो पाती है. जिले से राष्ट्रीय राजमार्ग गुजरता है. इसलिए बड़ी दुर्घटना होने पर ऑक्सीजन की मांग बढ़ जाती है.

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दलाल करते हैं ऑक्सीजन की कालाबाजारी

सरकारी अस्पतालों के अलावा निजी अस्पतालों में भी ऑक्सीजन की किल्लत रहती है. दलाल ऐसे मौके का फायदा उठाते हैं. ऑक्सीजन की कालाबाजारी शुरू कर देते हैं. इन विकट परिस्थितियों को देखते हुए राष्ट्रीय राजमार्ग क्षेत्र के बीरभूम के सिउड़ी के मल्लिकपुर ग्राम पंचायत के जिबधरपुर गांव में एक ऑक्सीजन प्लांट की स्थापना की गयी है.

7 घन लीटर ऑक्सीजन का होगा उत्पादन

यह क्षेत्र देउचा-पचामी कोयला खदान से जुड़ा है. जिले में यह पहला निजी ऑक्सीजन प्लांट है. प्लांट के एक अधिकारी ने बताया की अब जिले भर के सरकारी और निजी अस्पतालों को ऑक्सीजन की कभी किल्लत नहीं होगी. इस प्लांट का टैंक 20 हजार लीटर लिक्विड ऑक्सीजन रखने में सक्षम है. इस प्लांट से प्रतिदिन 7 घन लीटर ऑक्सीजन का उत्पादन होगा. इससे करीब 1000 से 1200 सिलेंडर भरना संभव होगा.

जिले में 600 सिलेंडर की खपत

वर्तमान में जिले के सरकारी अस्पताल व निजी अस्पताल व नर्सिंग होम में कुल ऑक्सीजन की प्रतिदिन खपत 600 सिलेंडर के करीब है. इस प्लांट में बनने वाले ऑक्सीजन की सप्लाई अन्य जिलों के अस्पतालों को भी की जा सकेगी. इससे बंगाल के अन्य जिलों के अस्पतालों में भी ऑक्सीजन की कमी दूर हो जायेगी.

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