Dhanbad News: कुहूका गांव की आबादी लगभग 500 है. जब स्थिति काफी खराब हो गयी तो यहां की महिलाओं ने कुछ दिनों पूर्व गांव में ही निरसा विधायक अपर्णासेनगुप्ता को बुलाकर बैठक की थी. थाना में भी शिकायत की गयी. जब इतने पर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई, तो 14 फरवरी को गांव में जनजागरण रैली निकाली गयी. अब महिलाओं का कहना है कि अगर शराब के खिलाफ कुछ नहीं हुआ तो उन सबकी जिंदगी बर्बाद हो जायेगी. परेशान महिलाओं ने 14 फरवरी को गांव में जब जनजागरण रैली निकाली और शराब की अवैध बिक्री व सेवन को लेकर नारेबाजी कर रही थीं, इसी दौरान एक व्यक्ति ने उनके साथ अभद्र व्यवहार किया. जब उन लोगों ने रैली नहीं रोकी, तो उस व्यक्ति ने रैली में शामिल अपनी पत्नी के साथ मारपीट की. महिलाओं ने इसकी जानकारी निरसा पुलिस को दी. पुलिस ने देर शाम उसे हिरासत में लिया. बाद में जिस पत्नी के साथ उसने मारपीट की थी, उसी ने उसे 15 फरवरी को मुक्त कराया. इसके बाद भी गांव के पुरुषों में कोई बदलाव नहीं आया है.
जानकारी के अनुसार गांव में तीनचार महुआ शराब की दुकानें हैं. शराब अड्डा के बगल में जुआ का अड्डा भी चल रहा है. इसकी शिकायत पुलिस से भी की गयी, पर कुछ नहीं हुआ. महिलाएं बताती हैं कि चार-पांच वर्षों से स्थिति काफी खराब हो गयी है. पुलिस को उन लोगों ने शराब बेचने वालों का नाम भी लिख कर दिया, पर पुलिस भी कुछ नहीं करती
आपबीती सुनाते हुए एक महिला की आंखें भर गयीं. उसने बताया कि वह अपने बच्चेको सरकारी स्कूल में पढ़ा रही है, पर उसकी बेहतरी के लिए उसे ट्यूशन भी करा रही थी, पर शराबी पति के कारण ट्यूशन छोड़वाना पड़ा. एक अन्य महिला ने बताया पति शराबी हो गया, घर चलाना मुश्किल हो गया है. इस वजह से छोटे से बेटे से दिहाड़ी करा कर अपने परिवार का भरण-पोषण कर रही हैं. गांव में कई ऐसे किशोर मिले, जो शराब पीने लगे हैं. महुआ शराब पीने के कारण कई लोग विभिन्न रोगों से ग्रसित हो गये हैं.
Also Read: ‘साहब मार्च में शादी है, तब-तक रुक जायें’ धनबाद में JCB के आगे बैठकर महिलाओं ने बयां किया अपना दर्द
सुबह से लेकर शाम तक अवैध शराब दुकानों में भीड़ लगी रहती है. स्थिति ऐसी है कि पिता दुकान के सामने, तो बेटा दुकान के पीछे शराब पीता है. अवैध शराब कारोबारी दबंग हैं. कुछ कहने पर सीधा कहते हैं कि वो किसी को निमंत्रण नहीं देते. शराब बिक्री उनकी रोजी-रोटी है.
नाम नहीं छापने की शर्त पर महिलाओं ने बताया कि जब शराब के पैसे नहीं रहते हैं तो घर के पुरुष सदस्य महिलाओं के सुहाग की निशानी चांदी के पायल या बिछिया छीन कर बेच दे रहे हैं. जब यह भी खत्म हो गया तो राशन दुकानों से मिला अनाज भी बेच कर शराब पी जा रहे हैं. इस वजह से कई घर में खाने को भी लाले पड़े हुए हैं.
Also Read: ‘मम्मी हमें छोड़ कहां चली गयीं’, धनबाद रेलवे स्टेशन पर मिले बच्चे पूछ रहे सबसे यह सवाल
इससे बड़ा दुर्भाग्यजनक और क्या हो सकता है. प्रशासन कड़ी कार्रवाई करेगा. महिलाएं इस सामाजिक आंदोलन को लेकर आगे बढ़ें. पूरी प्रशासनिक व्यवस्थाउनके साथ है. जल्दही गांव में अवैध शराब की बिक्रीपर प्रतिबंध लगाने का सार्थक प्रयास किया जायेगा.
-नितिन शिवम गुप्ता, सीओ, निरसा
जब से शिकायत मिली है, उस गांव में लगातार पेट्रोलिंग करवायी जा रही है. कारोबारी अवैध शराब दुकानों को बंद कर भाग गये हैं. पुलिस जल्दउन्हें गिरफ्तार कर जेल भेजने का काम करेगी.
-दिलीप यादव, थाना प्रभारी, निरसा
उत्पाद विभाग को पत्र लिखा जायेगा. फोन करके भी वैसे लोगों पर कार्रवाई करने की बात कही जायेगी. गांव की महिलाएं साहस व धैर्यके साथ रहें. पुलिस प्रशासन उनके साथ है.
-विकास कुमार राय, बीडीओ, निरसा