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Shiv Sena Symbol: चुनाव आयोग से झटका लगने के बाद उद्धव ठाकरे की आपात बैठक, मातोश्री के बाहर समर्थन में नारे

eknath shinde vs Uddhav Thackeray उद्धव ठाकरे के एक सहयोगी ने कहा कि शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के नेताओं, उप नेताओं, निर्वाचित प्रतिनिधियों और प्रवक्ताओं की बैठक दोपहर में उपनगरीय बांद्रा स्थित ठाकरे के आवास ‘मातोश्री’ में होगी.

निर्वाचन आयोग (ईसी) ने एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले गुट को असली शिवसेना के रूप में मान्यता दे दी है. जिसके बाद उद्धव ठाकरे नाराज हो गये. उन्होंने भविष्य के कदम पर चर्चा करने के लिए उद्धव ठाकरे अपनी पार्टी के नेताओं और पदाधिकारियों की बैठक बुलाई है. बैठक के लिए उद्धव ठाकरे के समर्थक विधायक और सांसद मातोश्री पहुंच चुके हैं. जहां उनके समर्थन में समर्थकों ने नारे लगाये.

मातोश्री में होगी बैठक

उद्धव ठाकरे के एक सहयोगी ने कहा कि शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के नेताओं, उप नेताओं, निर्वाचित प्रतिनिधियों और प्रवक्ताओं की बैठक दोपहर में उपनगरीय बांद्रा स्थित ठाकरे के आवास ‘मातोश्री’ में होगी.

चुनाव आयोग ने शिंदे गुट को शिवसेना नाम और चुनाव चिन्ह आवंटित किया

उद्धव ठाकरे को बड़ा झटका देते हुए निर्वाचन आयोग ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री शिंदे के नेतृत्व वाले समूह को ‘शिवसेना’ नाम और उसका चुनाव चिन्ह ‘धनुष और तीर’ आवंटित किया. यह पहली बार है जब ठाकरे परिवार ने 1966 में बालासाहेब ठाकरे बनायी गई पार्टी से नियंत्रण खो दिया है.

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शिंदे ने छह महीने पहले दी थी याचिका

तीन सदस्यीय आयोग ने शिंदे द्वारा दायर छह महीने पहले दायर याचिका पर एक सर्वसम्मत आदेश में कहा कि उसने फैसला लेते समय विधायक दल में पार्टी के संख्या बल पर गौर किया जिसमें मुख्यमंत्री को 55 विधायकों में से 40 विधायक और 18 सांसदों में से 13 का समर्थन प्राप्त है. आयोग ने अपने आदेश में कहा कि शिंदे गुट का समर्थन करने वाले 40 विधायकों ने कुल 47,82,440 मतों में से 36,57,327 मत प्राप्त किए, जो 55 विजयी विधायकों के पक्ष में डाले गए मतों का लगभग 76 प्रतिशत है. यह 15 विधायकों द्वारा प्राप्त 11,25,113 मतों के मुकाबले था, जिनके समर्थन का दावा ठाकरे गुट द्वारा किया जाता है.

उद्धव ठाकरे ने चुनाव आयोग के फैसले को बताया लोकतंत्र के लिए खतरनाक

उद्धव ठाकरे ने शुक्रवार को निर्वाचन आयोग के फैसले को ‘लोकतंत्र के लिए खतरनाक’ करार दिया था और कहा था कि वह इसे उच्चतम न्यायालय में चुनौती देंगे, जबकि मुख्यमंत्री शिंदे ने इस घटनाक्रम को ‘सच्चाई और लोगों की जीत’ बताया.

2020 में शिंदे ने उद्धव ठाकरे से तोड़ा था संबंध

शिंदे ने पिछले साल जून में ठाकरे से नाता तोड़ लिया था और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ गठबंधन में सरकार बना ली थी.

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