Vande Bharat Express: वंदे भारत एक्सप्रेस का क्रेज बढ़ने लगा है और अब यह ट्रेन यात्रियों की पहली पसंद बन गई है. वर्तमान में वंदे भारत एक्सप्रेस का परिचालन 10 मार्गों पर हो रहा है. इसी बीच, 60 सांसदों ने अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों को इस अत्याधुनिक ट्रेन सेवा से जोड़ने के लिए रेलवे को याचिकाएं दी हैं.
सबसे बड़ी बात यह है कि इन सांसदों में गैर-एनडीए राजनीतिक दलों के 14 सांसद भी शामिल हैं. ज्यादातर याचिकाएं भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सांसदों ने दी है. इनमें पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस भी शामिल हैं. देवेंद्र फडणवीस ने सोलापुर और मुंबई के बीच इस तरह की एक ट्रेन परिचालित करने का अनुरोध किया है. वहीं, केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने धारवाड़ से बेंगलुरु तक और नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य एम सिंधिया ने ग्वालियर तक इसका परिचालन करने का अनुरोध किया है.
आंकड़ों के अनुसार, वर्तमान में परिचालित की जा रही 10 वंदे भारत ट्रेन में बिलासपुर-नागपुर वंदे भारत एक्सप्रेस में मौजूदा वित्त वर्ष में जनवरी तक न्यूनतम यात्री संख्या (55 प्रतिशत) रही है, जबकि मुंबई-गांधीनगर मार्ग पर अधिकतम यात्री संख्या (126 प्रतिशत) रही है.
विपक्षी दलों में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP), द्रमुक, समाजवादी पार्टी (SP), आम आदमी पार्टी (AAP), जदयू (JDU) के एक-एक सांसदों ने अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों के लिए इस तरह की ट्रेन देने की मांग की है. वहीं, कांग्रेस के तीन, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के एक और वाईएसआर कांग्रेस के एक सांसद ने भी यह मांग की है. अन्य दलों में अपना दल और शिवसेना के एक-एक सांसद ने भी अपने-अपने क्षेत्रों के लिए इस ट्रेन की मांग की है.
वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन यात्रियों के लिए बेहतर सुविधा प्रदान करती है. इस ट्रेन में ऑटोमैटिक प्लग डोर, टच-फ्री स्लाइडिंग डोर, एग्जीक्यूटिव क्लास में रिवाल्विंग सीट के अलावा सीसीटीवी जैसी कई सुरक्षा विशेषताएं हैं. ट्रेन को 160 किमी प्रति घंटे की रफ्तार तक पहुंचने में महज 129 सेकेंड का समय लगता है. देश में ऐसी कुल 10 ट्रेनें सेवा में हैं. जिनमें से 4 एक ही राज्य महाराष्ट्र में संचालित होती हैं. वहीं, दिल्ली-वाराणसी वंदे भारत देश की पहली सेमी-हाई-स्पीड ट्रेन थी, जिसे फरवरी 2019 में हरी झंडी दिखाई गई थी.
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