कोलकाता. राज्य में स्थित 100 साल से अधिक पुराने स्कूलों का डेटाबेस राज्य सरकार द्वारा तैयार किया जा रहा है. स्कूलों के इतिहास के आधार पर डेटाबेस तैयार किया जा रहा है. इसके लिए शिक्षा विभाग सर्वे कार्य शुरू कर चुका है. मंगलवार को विधानसभा में राज्य के शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु ने यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि, 100 साल पुराने स्कूलों का सर्वे किया जा रहा है. स्कूल की विरासत के आधार पर इस कार्य को किया जा रहा है.
उन्होंने बताया कि सर्वे पूरा होने के बाद ऐसे स्कूलों की आवश्यकता के आधार पर वित्तीय अनुदान भी प्रदान की जायेगी. शिक्षा मंत्री ने मंगलवार को राज्य विधानसभा में प्रश्नोत्तर सत्र के दौरान आमता से तृणमूल कांग्रेस के विधायक सुकांत पाल के एक प्रश्न का उत्तर देते हुए यह जानकारी दी. तृणमूल विधायक ने पूछा था कि, क्या शिक्षा विभाग के पास 100 साल से अधिक पुराने स्कूलों को अनुदान देने का कोई प्रावधान है.
शिक्षा मंत्री ने बताया कि, मिड डे मील की गुणवत्ता और तैयार भोजन सहज तरीके से बच्चों तक पहुंचाने के लिए शिक्षा विभाग क्लस्टर किचन तैयार करने की योजना पर कार्य कर रहा है, ताकि भोजन को एक स्थान पर तैयार कर विभिन्न स्कूलों के बच्चों के बीच पहुंचाया जा सके. हालांकि, क्लस्टर किचन माॅडल ग्रामीण क्षेत्रों में संभव नहीं हो सकता है. ऐसे इलाकों में दो स्कूलों के बीच की दूरी काफी लंबी होती है.
हालांकि, कोलकाता समेत आस-पास के इलाकों में क्लस्टर किचन बनाया जा सकता है. गौरतलब है कि 2012 में कोलकाता में कुछ स्कूलों में मध्याह्न भोजन की आपूर्ति सुचारू नहीं होने के बाद सामुदायिक रसोई की स्थापना की गयी थी. श्री बसु ने कहा कि वर्तमान में, विभाग ने राज्य भर के स्कूलों में 100 प्रतिशत मध्याह्न भोजन की आपूर्ति के लिए बुनियादी ढांचा विकसित कर लिया है.
शिक्षा मंत्री ने भाजपा विधायक द्वारा पूछे गये एक सवाल के जवाब में बताया कि वर्तमान में माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों की संख्या 13,660 है. वहीं, प्राथमिक विद्यालयों की संख्या 50,158 है. वहीं, राज्य में प्राथमिक विद्यालयों के लिए 1,89,725 शिक्षक हैं. वहीं, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक के लिए 1,76,384 शिक्षक हैं. मंत्री ने बताया कि सरकारी स्कूलों में कार्यरत अधिकांश शिक्षक शहरी स्कूलों में तबादला चाहते हैं.
इस विषय में पूछे गये एक सवाल के जवाब में मंत्री ने बताया कि सरकारी पोर्टल में शिक्षकों के तबादले से संबंधित जानकारी दी जाती है. बताया कि शिक्षा विभाग सूचना प्रौद्योगिकी की मदद से स्कूलों की मैपिंग कर छात्र-शिक्षक अनुपात का डेटाबेस तैयार कर रहा है.