केंद्रीय गृह मंत्रालय ने जासूसी मामले में दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के खिलाफ सीबीआई को केस दर्ज करने की मंजूरी दे दी है. जिसके बाद आम आदमी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के बीच जुबानी जंग तेज हो गयी है. सिसोदिया ने जहां ट्वीट कर झूठे मामले दर्ज करने का आरोप लगाया, वहीं बीजेपी ने कहा कि मनीष सिसोदिया बहुत जल्द तिहाड़ जेल में सत्येंद्र जैन के साथ होंगे.
सिसोदिया के खिलाफ करप्शन का चौथा केस, जल्द होंगे सत्येंद्र जैन के साथ : बीजेपी
बीजेपी ने कपिल मिश्रा ने कहा, मनीष सिसोदिया के खिलाफ यह चौथा केस है. मिश्रा ने कहा कि गृह मंत्रालय ने मनीष सिसोदिया की जांच के आदेश दिए है. इससे साबित हो रहे हैं कि अरविंद केजरीवाल और सिसोदिया ने विपक्ष की, अपनी पार्टी के नेताओं की, PAC के सदस्यों की, एक दूसरे के परिवार के लोगों की जासूसी करवाई. टीवी चैनल के साथ बातचीत करते हुए मिश्रा ने कहा, बहुत जल्द मनीष सिसोदिया भी सत्येंद्र जैन के साथ तिहाड़ जेल में बंद होंगे.
दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष ने सिसोदिया की गिरफ्तारी की मांग की
इस बीच भाजपा की दिल्ली इकाई ने मांग की कि सीबीआई इस मामले में उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को तत्काल गिरफ्तार करे और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की भूमिका की भी जांच की जाए. भाजपा की दिल्ली इकाई के कार्यकारी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा, हम मांग करते हैं कि सीबीआई तुरंत सिसोदिया को गिरफ्तार करे और जासूसी के असली आरोपी अरविंद केजरीवाल की भूमिका की भी जांच की जाए.
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सिसोदिया ने ट्वीट कर केंद्र सरकार पर लगाया गंभीर आरोप
सीबीआई को केस दर्ज की मंजूरी दिये जाने के मामले में मनीषस सिसोदिया ने ट्विटर किया और केंद्र सरकार के इस कदम की आलोचना की. उन्होंने ट्वीट किया, अपने प्रतिद्वंद्वियों पर झूठे मामले दर्ज करना एक कमज़ोर और कायर इंसान की निशानी है. जैसे-जैसे आम आदमी पार्टी बढ़ेगी, हम पर और भी बहुत केस किए जाएंगे.
भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम, 1988 की धारा 17 के तहत मुकदमा चलाने की मंजूरी दी गयी
दिल्ली के उपराज्यपाल के प्रधान सचिव को भेजे गए पत्र में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कहा कि सिसोदिया के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम, 1988 की धारा 17 के तहत मुकदमा चलाने की मंजूरी दी जाती है.
क्या है मामला
सीबीआई ने बताया, आम आदमी पार्टी की सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (जीएनसीटीडी) के अधिकार क्षेत्र में आने वाले विभिन्न विभागों व स्वायत्त निकायों, संस्थानों और संस्थाओं के कामकाज के बारे में प्रासंगिक व कार्रवाई योग्य जानकारी एकत्र करने के लिए 2015 में एफबीयू की स्थापना का प्रस्ताव पेश किया था. इकाई के लिए गुप्त सेवा व्यय के तौर पर एक करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया. इकाई ने 2016 में काम करना शुरू किया. सीबीआई का आरोप है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 2015 में एक कैबिनेट बैठक में प्रस्ताव पेश किया था, लेकिन कोई एजेंडा नोट प्रसारित नहीं किया गया था.