मराठी प्रकाशन और शिव सेना (उद्धव गुट ) के मुखपत्र सामना में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के विपक्ष को भाजपा के खिलाफ एकजुट होने के आह्वान का जिक्र करते हुए लिखा गया, “कुमार द्वारा विपक्ष की एकता के लिए पहल करने की कांग्रेस से की गई अपील महत्वपूर्ण है. नीतीश कुमार ने व्यक्त किया है, विश्वास है कि अगर विपक्ष सही तरीके से एकजुट होता है, तो आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा 100 पर ऑल आउट हो जाएगी”.
सामना मे लिखे लेख में कहा गया कि, देश के लोकतंत्र को फांसी की ओर धकेला जा का रहा है और 2024 का लोकसभा चुनाव आखिरी होगा अगर पूरा विपक्ष एक साथ नहीं आया.
संपादकीय में आगे सुझाव दिया गया कि अब विपक्ष के लिए अगले प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के बारे में सोचने के बजाय एकजुट होने का समय है. इसमें आगे कहा गया है कि कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के नेतृत्व में भारत जोड़ो यात्रा और संसद में अडानी पंक्ति पर उनके सवालों ने पीएम को “अपवित्र” कर दिया. “वर्ष 2024 के लिए प्रधान मंत्री पद का उम्मीदवार कौन होगा, यह बाद में तय किया जा सकता है. राहुल गांधी का नेतृत्व ‘भारत जोड़ो’ यात्रा के माध्यम से मजबूत और परिपक्व हुआ है. पहले उनकी यात्रा और फिर संसद सत्र में मोदी-अडानी दोस्ती के मुद्दे पर उनका हमला काफी जबरदस्त नजर आया.
लेख में कहा गया कि, जांच एजेंसियों का खुलेआम दुरुपयोग किया जा रहा है, चाहे वह चुनाव आयोग हो या अदालतें. उन्होंने महाराष्ट्र में पहले शिवसेना को तोड़ा और बागी को धनुष और तीर का प्रतीक ‘बेच’ दिया. पार्टी के भीतर अंदरूनी कलह के मामले में, प्रतीक को या तो जमींदोज कर दिया जाता है या मूल पार्टी के साथ रहने दिया जाता है. यहां यह स्पष्ट रूप से दिखाई देता है कि विद्रोहियों ने इसे खरीद लिया है.