लखनऊ. राज्य के गांवों में रहने वाले 12 लाख 39 हजार 877 गरीबों को वित्तीय वर्ष 2023-2024 में पक्के घर मिलेंगे. सरकार प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) पर 9000 करोड़ रुपये खर्च करेगी. गांवों को शहर जैसी सुविधा देने के लिसे सरकार ने बजट में विशेष प्रावधान किया है. गांव के लोग शहर में पलायन नहीं करें इसके लिये गांवों को शहरी सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिये श्यामा प्रसाद मुखर्जी रुर्बन मिशन योजना के तहत 87.49 करोड़ खर्च किये जायेंगे.
विधान सभा में बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने सदन को अवगत कराया कि प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत वित्तीय वर्ष 2021-2022 में चार लाख 33 हजार 536 आवास बनाने थे. इसमें चार लाख 24 हजार 344 आवासों का निर्माण पूरा हो गया है. वित्तीय वर्ष 2022-2023 में आठ लाख 62 हजार 767 आवास का टारगेट है. वित्तीय वर्ष 2023-2024 में 12 लाख 39 हजार 877 आवासों का लक्ष्य है. इस योजना पर 9000 करोड़ खर्च होंगे. मुख्यमंत्री आवास योजना ग्रामीण में वित्तीय वर्ष 2018- 2019 से 2022 -2023 तक एक लाख 43 हजार 821 गरीबों को पक्के घर दिये गये हैं. वित्तीय वर्ष 2023- 2024 के बजट में इस योजना के लिए भी 1203 करोड़ की व्यवस्था की गयी है.
राज्य के किसी भी गांव का संपर्क मार्ग कच्चा न रहे इसके लिये प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत 5,966 करोड़ से सड़कों का निर्माण कराया जायेगा. ब्लाक और कस्बा तक लोग आसानी से पहुंच सकें इसके लिये सुदूर ग्रामों को आजीविका ग्रामीण एक्सप्रेस योजना से जोड़ा जा रहा है. इस योजना में 453 वाहनों का संचालन समूहों के माध्यम से किया जा रहा है.
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उत्तर प्रदेश के पांच लाख 89 हजार 189 ग्राम पंचायतों में बैंकिंग की सुविधा पहुंच गयी है. वित्तीय वर्ष 2022- 2023 की इस योजना में बैकिंग बिजनेस करेस्पॉण्डेंट (बीसी सखी)के लिये सखी के पद की स्थापना की जा रही है.अभी 34292 “बीसी सखी” द्वारा 7,846 करोड़ से अधिक का वित्तीय लेनदेन किया गया है.