Lucknow : उत्तर प्रदेश में हाई स्कूल और इंटरमीडियेट की बोर्ड परीक्षा के सख्ती के कारण एक सप्ताह में छह लाख से अधिक परीक्षार्थी परीक्षा छोड़ चुके हैं. 21 फरवरी को हाईस्कूल का गणित का पेपर था. इसमें 1.7 लाख परीक्षार्थी अनुपस्थित रहे. माध्यमिक शिक्षा परिषद का दावा है कि सीसीटीवी कैमरों के जरिये परीक्षा केंद्रों, केंद्र अधीक्षक और कक्ष निरीक्षकों पर कड़ी नजर रखने के कारण शिक्षा माफिया अपने मंसूबे में सफल नहीं हो पा रहे हैं. परीक्षा छोड़ने वालों में अधिकतर वह हैं जो नकल के जरिये पास होने की उम्मीद रखे थे. नकल रोकने के कठोर उपायों का ही परिणाम है कि बोर्ड परीक्षा के दूसरे दिन कक्षा 10 और 12 के हिन्दी के पेपर में ही 4.5 लाख से अधिक परीक्षार्थी अनुपस्थित हो गये. शिक्षा विभाग के अधिकारी नकल करने और करान वालों के खिलाफ एफआइआर दर्ज करा रही है.
हाई स्कूल और इंटरमीडिएट शिक्षा बोर्ड में निगरानी के लिसे कंट्रोल रूम बनाये गये हैं. 12वीं कक्षा के गणित के पेपर में नकल रोकने के लिये 7,083 परीक्षा केंद्रों की निगरानी की गयी थी. शिकायतों के आधार पर, धोखाधड़ी में कथित संलिप्तता के लिए अब तक राज्य भर में 14 ‘सॉल्वर’ सहित कई लोगों पर एफआइआर दर्ज की गई है. मंगलवार तक 24 छात्रों को नकल करते पकड़ा गया था. इसमें 10वीं कक्षा के 16 लड़के और सात लड़कियां तथा 12वीं कक्षा का एक परीक्षार्थी था. कक्षा 12 की वाणिज्य, गृह विज्ञान तथा कक्षा 10 के कंप्यूटर का पेपर छोड़ने वालों की संख्या 25,000 से अधिक बतायी जा रही है.
नकल की सभी संभावनाओं को रोकने के लिये सरकार ने बोर्ड परीक्षा से पहले सभी 75 जिला में पर्यवेक्षक भेजे थे. इनकी निगरानी में ही निकलविहीन परीक्षा की तैयारी की गयी थी. परीक्षा के दौरान प्रश्न पत्रों की कड़ी सुरक्षा की गयी है. परीक्षा शुरू होने से कुछ मिनट पहले प्रश्न पत्र केंद्र व्यवस्थापक व अन्य अधिकारियों की निगरानी में खोले जा रहे हैं.
16 फरवरी से शुरू हुई यूपी बोर्ड की परीक्षा के लिये 57 लाख से अधिक परीक्षार्थी का पंजीकरण हुआ था. हाई स्कूल परीक्षा के लिए 31 लाख 16 हजार 485, इंटर मीडिएट के लिए 27 लाख 50 हजार 913 परीक्षार्थियों ने पंजीकरण कराया. हाई स्कूल में 16 लाख 98 हजार 023 छात्र व 14 लाख 18 हजार 462 छात्राएं रजिस्टर हैं. इंटर मीडिएट में 15 लाख 31 हजार 571 छात्र और 12 लाख 19 हजार 342 छात्राओं ने पंजीकरण कराया है.