पटना. भाजपा सांसद विवेक ठाकुर ने नीतीश सरकार में अपने ही दल के तत्कालीन कृषि मंत्री पर सवाल उठा दिया है. किसान नेता सहजानंद सरस्वती की जयंती पर पटना में आयोजित कार्यक्रम की जानकारी देते हुए विवेक ठाकुर ने कहा कि कार्यक्रम काफी महत्वपूर्ण है. गृहमंत्री अमित शाह की मौजूदगी में किसान और किसानी पर चर्चा होगी. पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने बिहार सरकार पर जमकर हमला किया. उन्होंने बिहार के कृषि रोड मैप को पूरी तरह से असफल बताया.
उन्होंने कहा कि यह सिर्फ पैसे की बर्बादी है. भाजपा सांसद ने जिस दूसरे और तीसरे कृषि रोड मैप में हुए खर्च पर सवाल खड़ा किया, उस वक्त बिहार सरकार में कृषि मंत्री भाजपा कोटे से ही थे. विवेक ठाकुर ने कृषि रोड मैप को दिशाहीन बताकर नीतीश कुमार की आलोचना की, वहीं भाजपा खाते के दो वरिष्ठ मंत्री डॉ. प्रेम कुमार और अमरेन्द्र प्रताप सिंह की कार्य कुशलता पर भी प्रश्न चिन्ह लगा दिया.
विवेक ठाकुर ने कहा कि आजकल फिर से एक कृषि रोडमैप की बात हो रही है. बिना समीक्षा के कृषि रोड मैप तैयार किया जा रहा है. सरकार को बताना चाहिए कि जिस रोड मैप के तहत डेढ़-डेढ़ लाख करोड़ रुपया जा रहा है, वो पैसा कहां जा रहा है. यह कहीं ना कहीं बड़ा प्रश्नवाचक चिन्ह खड़ा कर रहा है. इस पर निर्णायक चर्चा होनी चाहिए. बिहार में चौथा कृषि रोड मैप आ रहा है. औसत डेढ़ लाख करोड़ का रोड मैप कृषि का रोडमैप हो गया. बिहार अब नुकसान वाला स्टेट हो चुका है.
कृषि दर गिर रहा है, इसका आकलन आप कर नहीं रहे हैं. आप डेढ़-डेढ़ लाख करोड़ का रोड मैप बनाते हैं, लेकिन कृषि विकास दर एक प्रतिशत भी नहीं आगे बढ़ रहा है. पूर्व के तीन कृषि रोड मैप की समीक्षा होनी चाहिए. किसानों का भविष्य कहां है… क्या दिख नहीं रहा है, आखिर डेढ़-डेढ़ लाख करोड़ रुपए जा कहां रहा है. बिहार में किसान दुखद हाल में हैं. बिहार का कृषि दिशाहीन है, किसान परेशान चल रहे हैं. इन तमाम विषयों को लेकर खुली चर्चा होगी. बिहार के मुखिया को किसानों के सवालों का जवाब देना होगा .कहां गया दूसरा और तीसरा कृषि रोड मैप ?
बिहार में नीतीश कुमार की सरकार बनने के बाद सबसे पहले नरेंद्र सिंह कृषि मंत्री बने थे. इसके बाद रेणु कुशवाहा मंत्री बनीं. फिर विजय कुमार चौधरी मंत्री बने थे. ये सभी जदयू कोटे से थे. 2016 में जब एक बार फिर से जदयू-भाजपा की सरकार बनी तो भाजपा कोटे से डॉ. प्रेम कुमार कृषि मंत्री बने. 2020 विस चुनाव के बाद भाजपा के अमरेन्द्र प्रताप सिंह को कृषि मंत्री बनाया गया. 2022 में जब महागठबंधन की सरकार बनी तो राजद कोटे से पहले सुधाकर सिंह कृषि मंत्री बने, इस्तीफा देने के बाद वर्तमान में कुमार सर्वजीत कृषि विभाग का जिम्मा संभाल रहे हैं.